वॉशिंगटन। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगने जा रहा है। इस दिन दुनिया के कई देशों में रिंग ऑफ फॉयर का दुर्लभ नजारा भी दिखेगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा की परछाई सूर्य के 97 फीसदी हिस्से को पूरी तरह से ढक लेगी। इससे पहले 26 मई को चंद्रग्रहण लगा था। रिंग ऑफ फॉयर का सबसे शानदार नजारा रूस और कनाडा में देखने को मिलेगा। अमेरिका और ब्रिटेन में यह सूर्यग्रहण आंशिक रूप से ही दिखाई देगा। स्कॉर्टलैंड में सूर्य का 30 फीसदी हिस्सा और दक्षिणी इंग्लैंड में 20 प्रतिशत हिस्सा ही ढंका नजर आएगा। अमेरिका के पूर्वी राज्यों में यह 70 फीसदी तक दिख सकता है।
इस सूर्य ग्रहण को वलयकार ग्रहण के रूप में जाना जाता है। यह तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा बिल्कुल पृथ्वी के सीध में होते हैं। इस दौरान चंद्रमा का स्पष्ट आकार सूर्य से छोटा होता है। इस कारण सूरज हीरे की अंगूठी की तरह चमकता नजर आता है। खगोल वैज्ञानिक इसी घटना को रिंग ऑफ फायर का नाम देते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि ब्रिटेन और आयरलैंड के लोगों को अर्धचंद्राकार सूर्य नजर आएगा। वहीं, अमेरिका में लोग सूर्योदय के समय आंशिक ग्रहण देख पाएंगे। सूर्योदय के समय ग्रहण की घटना को भी दुर्लभ माना जाता है। रॉयल ऑब्जर्वेटरी ग्रीनविच के एक खगोलशास्त्री डॉ एमिली ड्रेबेक-मॉन्डर ने कहा कि ब्रिटेन में यह आंशिक रूप से ही दिखाई देगा। भारत में 10 जून को लगने वाला ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस कारण ग्रहण के पहले लगने वाला सूतक भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन, भारत में इसका प्रभाव न होने के कारण 10 जून को मंदिरों के कपाट खुले रहेंगे।