ताइपे । चीन के बढ़ते हस्तक्षेप और तनाव का समाधान करने के लिए ताइवान ने रणनीति बना ली है। साउथ चाइना सी में सैन्य उपस्थिति मजबूत करने के बाद ताइवान ने हाल में ही सटीक हमला करने वाली एयर टू ग्राउंड मिसाइल वान चिएन-2 का परीक्षण किया है। यह मिसाइल इतनी खतरनाक है कि 400 किलोमीटर दूर तैनात चीन के टैंक, तोप, आर्मी बेस और हथियार डिपो को पलभर में बर्बाद कर सकती है। चीनी भाषा में वान चिएन का मतलब 10 हजार तलवारें होता है। इस मिसाइल को हवाई जहाज से जमीन पर सैकड़ों किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकाने पर पिन प्वाइंट एक्यूरेसी के साथ हमला करने के लिए बनाया गया है। बड़ी बात यह है कि इस मिसाइल को ताइवान की हथियार निर्माता कंपनी नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने स्वदेशी तकनीक से बनाया है।
वान चिएन-2 मिसाइल की अधिकतम रेंज 400 किलोमीटर दूर तक बताई जा रही है। ताइवान के एक अखबार के अनुसार, हवाई टेस्ट के सफलतापूर्वक खत्म होने के बाद इस मिसाइल के एक छोटे बैच को बनाने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। उधर चीन ने भी ताइवान की बढ़ती ताकत को काउंटर करने के लिए साउथ चाइना सी में तैनात अपनी दक्षिण थिएटर कमांड को लगातार युद्धाभ्यास जारी रखने का निर्देश दिया है। ताइवान की वान चिएन-2 मिसाइल पुरानी वान चिएन-1 का ही अपग्रेडेड वर्जन है। वान चिएन-1 मिसाइल की रेंज 200 किलोमीटर है, जिसे ताइवान के लड़ाकू विमानों पर पहले ही तैनात किया जा चुका है। ताइवान कई बार वान चिएन-1 को सार्वजनिक रूप से डिस्प्ले के लिए रख चुका है। पिछले साल सितंबर में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने पेनघू का दौरा किया था, तब इस मिसाइल को देखा गया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के पास इतनी ज्यादा मिसाइलें मौजूद हैं जो क्षेत्रफल के हिसाब से दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। हालांकि ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इन मिसाइलों की कुल संख्या को आज तक जारी नहीं किया है। खबरों के अनुसार, ताइवान के पास कुल 6000 से अधिक मिसाइलें हैं।