तिलमिला उठा चीन, हांगकांग के मुद्दे में दखल देना बंद करे अमेरिका और ब्रिटेन

Updated on 31-05-2020 07:34 PM
संयुक्त राष्ट्र । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक आपात चर्चा में अमेरिका और ब्रिटेन ने हांगकांग पर चीन के विवादास्पद सुरक्षा कानून का मुद्दा उठाया,इसके बाद चीन तिलमिला उठा। चीन ने उल्टा अमेरिका के मिनीपोलिस मामले पर सवाल उठाकर कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले अपना घर संभालें व संयुक्त राष्ट्र को उसके बजाए मिनीपोलिस में प्रदर्शनकारियों पर अमेरिका के अत्यधिक बल प्रयोग और अश्वेत समुदायों के खिलाफ भेदभाव पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। दरअसल अमेरिका और ब्रिटेन ने शुक्रवार को आपात चर्चा की मांग के बाद 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद ने हांगकांग के मुद्दे पर अनौपचारिक ऑनलाइन बैठक की। संयुक्त राष्ट्र के लिए अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा, आज मैंने परिषद से एक सामान्य प्रश्न किया: क्या हम स्वतंत्रता पसंद करने वाले अन्य लोगों की तरह हांगकांग के लाखों नागरिकों के मानवाधिकारों और गरिमापूर्ण जीवन जीने के उनके तरीके का बचाव करने के लिए कोई सम्मानजनक रुख अपनाने जा रहे हैं या हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने और हांगकांग के लोगों पर अपनी इच्छा को थोपने की अनुमति देंगे। 
क्राफ्ट ने कहा कि अमेरिका दृढ़ है और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आह्वान करता है कि वे चीन से अपने निर्णय को वापस लेने और इस संस्था तथा हांगकांग की जनता के प्रति अपनी अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की मांग मे शामिल हों। वहीं बीजिंग ने पलटवार करते हुए कहा कि विधेयक को पारित करना पूरी तरह से चीन का आंतरिक मसला है, इसका सुरक्षा परिषद के कामकाज और अधिकारक्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन और रूस ने अमेरिका को जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या का जिम्मेदार ठहराया। झांग ने कहा, हमारा मानना है कि इस मुद्दे पर वक्त बर्बाद करने के बजाए परिषद को उन मामलों पर ध्यान देना चाहिए और उन पर कार्रवाई करनी चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।’’
चीन का समर्थन करते हुए रूस के पहले उप स्थाई प्रतिनिधि दिमित्री पोलीयांसिकी ने ट्वीट कर कहा,‘‘ सुरक्षा परिषद में हांगकांग का मुद्दा उठाना अमेरिका और ब्रिटेन का ‘अजीब कदम’ है। इस परिषद के सदस्यों का बहुमत नहीं है। यह विभाजनकारी, द्वेषपूर्ण मुद्दा है जिसका अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है और इसतरह के मुद्दे परिषद में नहीं लाए जाने चाहिए। झांग ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन को हांगकांग के मुद्दे में दखल देना तत्काल बंद करना चाहिए। 
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