सोल । जब कोरोना महामारी की दुनियाभर में चर्चा शुरू हुई थी, उस वक्त दक्षिण कोरिया इस महामारी से सबसे प्रभावित देशों में से एक था। सरकार से लेकर आम लोगों में यह डर फैल चुका था कि यह बीमारी समाज के हर हिस्से में बेकाबू हो जाएगी और हजारों लोग मारे जाएंगे। मेडिकल इंस्टीट्यूट बिखरने लगे थे और पूरा राष्ट्र घुटनों पर आ चुका था। यहां के हालात दुनिया के कई देशों के लिए महामारी की अग्रिम चेतावनी के तौर पर रहे, लेकिन दक्षिण कोरिया संकट के शुरुआती दिनों के बाद से ही वायरस पर नियंत्रण पाने में कामयाब रहा और अब यहां जिंदगी सामान्य हो चुकी है। इसका पूरा श्रेय जनता को दिया जाना चाहिए। कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी ने गुरुवार को देश भर में 680 नए संक्रमणों की सूचना दी, जो पिछले दिन 775 से नीचे थी। 5.164 करोड़ लोगों के देश में अब तक कुल 121,351 लोग संक्रमित हो चुके हैं। यहां के सरकारी आंकड़ों में 1,825 मौतें दर्ज हैं। इस जीत पर कोरियाई कहते हैं कि कोरोना से निपटने में आम लोगों का सकारात्मक नजरिया और लोगों का डॉक्टरों पर अटूट विश्वास निर्णायक है। सियोल स्थित मानवाधिकार संगठन के शोध निदेशक पार्क सो-कील कहते हैं, हमने इस महामारी को शुरू से ही बहुत गंभीरता से लिया। निर्देशों का पालन किया और सिफारिश से पहले अधिकांश आबादी मास्क अपना चुकी थी। दूसरे देशों की तरह सरकारी पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन नहीं हुए। लोग आश्वस्त थे कि सरकार, पब्लिक हेल्थ हमें बचा लेगी। लगातार टेस्ट और ट्रेस, स्पष्ट संदेश और सामान्य जीवन में कम से कम हस्तक्षेप की रणनीति से विश्वास मजबूत होता गया।