भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने 31 मार्च 2020 तक जो ठेकेदार रेत का ठेका संचालित कर रहे थे। उन्हें 10 फ़ीसदी वृद्धि के साथ रेत खनन करने की अनुमति देने का निर्णय किया है। होशंगाबाद अशोकनगर और मंडला के टेंडर राज्य सरकार ने निरस्त कर दिए हैं। अब इन तीनों जिलों में पुराने ठेकेदार ही 10 फ़ीसदी वृद्धि का अनुबंध कर रेत खदाने संचालित करेंगे।
शासन के इस निर्णय से शिवा कारपोरेशन और शिवम इंटरप्राइजेज की एक बार फिर लाटरी खुल गई है। पिछले कई वर्षों से रेत के ठेकों में इन्हीं दो कंपनियों का एकाधिकार बना हुआ था। 2020- 21 के लिए जो ठेके हुए थे। उसमें होशंगाबाद के ठेकेदार ने सबसे ज्यादा नीलामी में ठेका लिया था। बाद में उसने अवैध खनन के कारण ठेका चलाने से इंकार कर दिया था। होशंगाबाद में पुराने रेत माफिया का शासन एवं प्रशासन में भारी दखल था। अवैध खनन और पुरानी ठेकेदारों की दादागिरी के कारण उसे काम करने का मौका ही नहीं मिला। जिससे उसने खदान छोड़ने का निर्णय किया था।
खनिज निगम ने 41 जिलों में रेत खनन की निविदा जारी कर खनन कार्य प्रारंभ हो चुका है। होशंगाबाद, मंडला और अशोकनगर जिलों में नए निविदा कारों द्वारा राशि जमा नहीं करने पर उनकी निविदा निरस्त कर पुराने ठेकेदारों को ही 10 फ़ीसदी की वृद्धि में ठेका देने का निर्णय शासन स्तर पर हुआ है। जिसके कारण अब शिवा कारपोरेशन और शिवम इंटरप्राइजेज एक बार फिर बड़े जोर शोर से रेत खनन के कारोबार में शीर्ष पर बने रहेंगे। मध्य प्रदेश के रेत खनन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इन्ही 2 कंपनियों का एकाधिकार पिछले कई वर्षों से बना हुआ है।