लाहौर। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने देश में गैस व बिजली की कमी को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधा है। द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि देश में लोड-शेडिंग के पीछे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार की तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) क्षेत्र में अक्षमता और भ्रष्टाचार असली कारण थे। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ के नेतृत्व में घरेलू और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए बिजली और गैस की निर्बाध आपूर्ति की पूरी व्यवस्था शुरू की गई थी।
उन्होंने कहा कि पिछले साल कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान इमरान सरकार को चार मैट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट से कम कीमत पर गैस की पेशकश की गई थी, लेकिन उसने इसे इस कम कीमत पर खरीदने से इनकार कर दिया और फिर सर्दियों में वही गैस दोगुनी कीमत पर खरीदा गया, जिससे देश की जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ा। पीएमएलएन प्रमुख ने आगे कहा कि "सर्दियों में सरकार ने देश से झूठ बोला कि अल्पकालिक समझौते उपलब्ध नहीं थे। यह सरकार का दावा अतार्किक था क्योंकि देश को कच्चे तेल और गैस पर 20 प्रतिशत अधिक भुगतान करना पड़ा था। शहबाज ने दावा किया कि पीएमएलएन के दौर में पीटीआई के मुकाबले करीब 80 फीसदी सस्ता गैस खरीद समझौता हुआ था। उन्होंने कहा: "जब हम सत्ता में थे हमने देश को ऊर्जा की कमी से बचाने के लिए दिन-रात काम किया और नुकसान को खत्म किया। उन्होंने पीटीआई सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने सस्ते एलएनजी खरीदने के बजाय महंगे फर्नेस ऑयल और तीन गुना महंगे डीजल पर बिजली संयंत्र चलाए और परिणामस्वरूप रिवॉल्विंग क्रेडिट तेजी से बढ़ा। पाकिस्तान में बिजली की कमी 6,000 मेगावाट के पार जाने के साथ ही बिजली का लोड-शेडिंग तेज हो गया है, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है। एआरवाई न्यूज के मुताबिक सिल्टेड तारबेला डैम से हाइड्रो जेनरेशन ठप होने से यह कमी और तेज हो गई है। बिजली उत्पादन के ठप्प होने से बड़े पैमाने पर बिजली गुल हो गई है, जिससे लाहौर और देश के पंजाब प्रांत के अन्य हिस्से भी प्रभावित हुए हैं।