लंदन । महामारी कोविड-19 के जानलेवा वायरस को एक ताजा अध्ययन में बडा खुलासा हुआ है। ब्रिटेन में हुए एक नये शोध में दावा किया गया है कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वायरस का नया वैरियंट, सभी पुराने कोरोना वायरस प्रकारों (वैरियंट) से ज्यादा खतरनाक है। अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस का ब्रिटिश वैरियंट अन्य कोरोना वायरस के मुकाबले अधिक घातक है। रिसर्च में माना गया है कि बीते साल ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वैरियंट अन्य कोरोना वायरस के मुकाबले 30 से 100 फीसद अधिक घातक है। इसको लेकर यूके के ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध में आंकड़ें भी दिए गए हैं। इस शोध के अनुसार, ब्रिटिश कोरोना वैरियंट के 54,906 लोगों में 227 लोगों की मौत हो गई जबकि अन्य कोरोना वायरस प्रकारों से संक्रमित इतने ही लोगों में 141 लोगों की ही मौत हुई। इन आंकड़ों से साफ हो जाता है कि ब्रिटेन का कोरोना वैरियंट, अन्य कोरोना वायरस से अधिक घातक है।
ब्रिटेन में हुए इस शोध में ब्रिटिश कोरोना वैरियंट (नया सार्स-कोवि-2 वैरिएंट जिसे बी-1-1-7 के रूप में जाना जाता है) से संक्रमित लोगों की मरने की दर और बाकी सभी कोरोना वायरस प्रकारों से संक्रमित लोगों के मरने की दर की एक-दूसरे से तुलना की गई है। इसकी तुलना करने के बाद पाया गया कि दोनों कोरोना वायरस प्रकारों की मृत्यु दर में भारी अंतर है। कोरोना वायरस का ब्रिटिश वैरियंट बीते साल सितंबर, 2020 में पहली बार सामने आया था, इसके बाद ये वैरियंट 100 से अधिक देशों में फैल चुका है जिसमें भारत भी शामिल है।
ब्रिटेन में पाए गए नये कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड में 23 म्यूटेशंस पाए जाते हैं। यह अन्य कोरोना वैरियंट के हिसाब से बड़ी संख्या है। म्यूटेशंस की ज्यादा संख्या के कारण इस कोरोना वायरस का प्रसार अन्य कोरोना प्रकारों के मुकाबले तेजी से होता है। वैज्ञानिकों की मानें तो ये नया कोरोना वायरस, पुराने सभी कोरोना वायरस प्रकारों से 40 से 70 फीसद अधिक तेजी से फैलता है। ब्रिटेन में हुए नये शोध में बताया गया है कि एक तरफ कोरोना वायरस का ये नया रूप अधिक घातक है और साथ ही साथ ये पुराने सभी कोरोना वायरसों के मुकाबले तेजी से संक्रमण फैलता है।