पेशावर। बलूच महिला एक्टिविस्ट करीमा बलूच की हत्या के विरोध में पाकिस्तान के बलूचिस्तान के साथ ही अन्य प्रांतों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पंजाब के डेरा गाजी खान में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया और करीमा के हत्यारों को पकड़ने की मांग की। बलूच मानवाधिकार काउंसिल (बीएचआरसी) ने भी संयुक्त राष्ट्र से करीमा की हत्या में निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस संबध में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस को पत्र लिखा गया है। बीएचआरसी ने गुतेरस से आग्रह किया है कि वह कनाडाई अधिकारियों से करीमा बलूच के पाकिस्तान से भागने के संदर्भ में गहन जांच करने के लिए कहें। इस पत्र पर विश्व के 50 से ज्यादा पत्रकार और एक्टिविस्ट ने कनाडा की सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इन्होंने एक बयान में कहा कि बलूच की 'रहस्यमय मौत खतरनाक है' और ऐसा इस साल पहली बार नहीं हुआ है।
करीमा बलूच 2016 में पाकिस्तान से निर्वासित होकर कनाडा के टोरंटो में रह रही थीं। वह लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के निशाने पर थीं। उनको लगातार धमकी मिल रही थी। पिछले दिनों उनका शव झील में पाया गया। करीमा की हत्या में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का हाथ बताया गया है। टोरंटो पुलिस ने 23 दिसंबर को करीमा बलूच की मौत को 'गैर-आपराधिक घटना' करार दिया, लेकिन परिवार और दोस्त मामले की पूरी जांच की मांग कर रहे हैं। डेरा गाजी खान में प्रदर्शन के दौरान हाथों में तख्तियां लेकर लोग चल रहे थे। जिस पर लिखा था 'करीमा बलूचों के विरोध की आत्मा थी।' इस दौरान बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाइसी) ने पर्चे भी बांटे। बलूच एक्शन कमेटी के नेता आसिफ बलूच ने कहा है कि एक करीमा की सुनियोजित हत्या के बाद अब हजारों करीमा पैदा होंगी। पाक सरकार और सेना के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठना बंद नहीं होगा।