कोरबा पाली स्थित उच्चतर माध्यमिक स्कूल की जहाँ के छात्रों ने अपने ही प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत की है। कि उनसे फीस लेने के बाद भी काम करवाया गया। यहाँ तक कि स्कूली बच्चों से ही स्कूल के बाथरूम की सफाई सफाई कराई गई। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है। कि पाली स्थित उच्च्तर माध्यमिक शाला पाली स्कूल का प्रिंसिपल बच्चों से साल भर की फीस लेने के बाद भी कई तरह की फीस की डिमांड करता रहा है। कभी माइग्रेशन के नाम पर तो कभी टी.सी. के नाम पर,ऐसी बात नही है कि इसकी शिकायत बच्चो ने नही कि बल्कि बच्चों की शिकायत को कोरे कागज की तरह कूड़े दान में डाल दिया गया। जब दबाव बनता देखा गया तब जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच का जिम्मा उसी के समकक्ष अधिकारी को सौपा दिया जो नियम के विपरीत है। जांच अधिकारी ने जो जांच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी उसमें बच्चो के लगाए गएआरोपी सही साबित हुए थे उसके बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी ने पाली स्थित उच्चतर माध्यमिक स्कूल के प्रिंसिपल को निर्दोष बताते हुए उनको यथावत स्थान पर बनाये रखा है। बच्चों ने लिखित शिकायत की है। जिसमे उन्होंने ये साफ लिखा है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने उनसे माइग्रेशन व टी.सी. जैसे दस्तावेज के लिए 170 रुपये लिए है। साफ सफाई के लिए भी पैसे लिए है।उसके बाद भी स्कूली बच्चों को ही साफ सफाई का काम कराया जाता हैं।यहाँ तक कि स्कूल के बाथरूम की भी सफाई के लिए बच्चों पर ही दबाव बनाया गया। बाथरूम की सफाई नही किये जाने पर प्रेक्टिकल में फेल किये जाने की बात भी की गई। जिसके कारण बच्चो ने बाथरूम की भी सफाई की थी।