रोम । रोमन कैथेलिक चर्च के वरिष्ठ पदाधिकारियों में भ्रष्टाचार के संक्रमण को रोकने के लिए पोप फ्रांसिस ने आदेश दिया है कि चर्च के सभी उच्च पदाधिकारी अपनी संपत्तियों का खुलासा करें। इस आदेश में कार्डिनल (बड़े पादरी) भी शामिल हैं। इस आदेश के मुताबिक, सभी अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वे 50 डॉलर (3750 रुपए) के ऊपर का तोहफा स्वीकार करने से बचें। अपने आदेश में पोप फ्रांसिस ने लिखा है कि सत्यनिष्ठा छोटी बातों में अगर नहीं रहेगी, तो वो बड़े मुद्दों में भी नहीं रह पाएगी। इसी तरह बेईमानी, छोटी या बड़ी नहीं होती। अपनी मंशा जाहिर करते हुए पोप ने कहा है कि वो चाहते हैं कि ईश्वर के काम में जुड़े हुए लोग भ्रष्टाचार से मुक्त रहें, वित्तीय लेनदेन में ईमानदारी और पारदर्शिता बरतें। इस आदेश के बाद चर्च के सभी वरिष्ठ प्रबंधकों और प्रशासकों को एक शपथ पत्र देना होगा, जिसमें वो स्वीकारेंगे कि उनके क्रियाकलापों की कभी कोई जांच नहीं की गई है और वो कभी भी किसी भ्रष्ट आचरण, धोखाधड़ी, बच्चों के शोषण, मानव तस्करी, आतंकवाद, टैक्स चोरी और हवाला जैसे अपराध से जुड़े नहीं रहे हैं। इतना ही नहीं, पोप के इस आदेश के बाद वेटिकल सिटी के वरिष्ठ पदाधिकारी अब अपना पैसा ऐसी कंपनियों या देशों में नहीं लगा पाएंगे, जो टैक्स बचाने के लिए प्रसिद्ध हैं। वे ऐसी कंपनियों के शेयर भी नहीं खरीद सकेंगे या उनमें पैसा लगाकर ब्याज भी नहीं कमा सकते, जिनकी विचारधाराएं चर्च के सामाजिक मूल्यों के विपरीत हैं।