बगदाद । इराक में दशकों तक चले युद्ध के दौरान ईसाई समुदाय के लोगों की घटती संख्या के बीच पोप फ्रांसिस बगदाद पहुंचे। कोविड-19 महामारी के बीच हो रही पोप की इस ऐतिहासिक यात्रा के लिए महीनों से तैयारियां चल रही थी। उल्लेखनीय है कि यह पोप की पहली इराक यात्रा है। इस दौरान पोप ईसाइयों से आग्रह करेंगे कि वे वर्षों के युद्ध और उत्पीड़न के बाद देश के पुनर्निर्माण में मदद करें। पोप ने उड़ान के दौरान मास्क पहन रखा था और जब वह सीढियों से नीचे उतर रहे थे, उस समय भी उन्होंने मास्क पहन रखा था। पोप शांति और सह-अस्तित्व का संदेश लेकर इराक आए हैं, ताकि देश में रहने वाले ईसाई अल्पसंख्यकों को राहत मिल सके। सन 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हुए हमले के बाद हुए विभिन्न संघर्षों के दौरान बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों को देश छोड़ना पड़ा है।
उनका विमान स्थानीय समयानुसार दोपहर में करीब दो बजे यहां उतारा। विमान पर वैटिकन और इराक के झंडे लगे हुए थे। उनके स्वागत के लिए भव्य तैयारियां की गई थीं और उनकी अगवानी के लिए प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कादिमी वहां मौजूद थे। पोप की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग हवाई अड्डा के पास एकत्र थे। इराकी विदेश मंत्री फवद हुसैन ने कहा कि इराकी नागरिक पोप के शांति और सहिष्णुता के संदेश का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया। पोप की यात्रा को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं।