वॉशिंगटन । घातक कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से दुनियाभर में मचे हड़कंप के बीच एक गुड न्यूज सामने आई है। अमेरिकी कंपनी फाइजर का कोरोना वायरस टीका लैब में की गई जांच में नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी पाया गया है। फाइजर और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास ने इस खतरनाक स्ट्रेन के खिलाफ अपने टीके की जांच की थी। इस शोध में यह संकेत मिला है कि फाइजर का टीका नए म्यूटेशन के खिलाफ प्रभावी है। इस म्यूटेशन की वजह से दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई है। फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन में आरएनए तकनीक का इस्तेमाल किया गया है और इसमें कोरोना वायरस के नए म्यूटेशन से निपटने के लिए तेजी से बदलाव की क्षमता मौजूद है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन में कोरोना से निपटने के लिए मात्र 6 सप्ताह के अंदर बदलाव किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के कारण ब्रिटेन में हालात बेकाबू हो गए हैं। अब यह वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है। वहीं अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अमेरिका में कोविड-19 से होने वाली की मौतों की संख्या 360,000 के आंकड़े को पार कर गई है। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़ों से मिली। विश्वविद्यालय ने गुरुवार सुबह अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि वर्तमान में देश में कोविड मौतों का कुल आंकड़ा 360,999 हो गया है, जबकि कोविड-19 मामले 21,292,109 पर पहुंच गया है। दुनिया में सबसे अधिक मामले और मौतों के साथ अमेरिका सबसे अधिक कोविड प्रभावित देश बना हुआ है। देश का कुल वैश्विक मामलों में 24 प्रतिशत से अधिक और मौतों में 19 प्रतिशत से अधिक योगदान है। न्यूयॉर्क राज्य में 38,912 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है, जो राज्य स्तर पर सबसे ज्यादा है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कोरोना के नए प्रकार को लेकर शुक्रवार को एक विशेष नेताओं की बैठक बुलाई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार शाम मॉरिसन ने घोषणा की कि राष्ट्रीय मंत्रिमंडल की बैठक, जिसमें प्रधानमंत्री और राज्य और क्षेत्र के नेता शामिल हैं, अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा प्रधान समिति के एक प्रस्ताव पर ध्यान केंद्रित करेंगे, ताकि अंतर्राष्ट्रीय कोरोना वायरस सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। मॉरिसन ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, ‘यह प्रस्ताव अंतर्राष्ट्रीय यात्रा प्रक्रियाओं में कोरोना वायरस से सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए है।’