वाशिंगटन । कोरोना वैक्सीन बना रही अमरीकी कंपनी फाइजर ने भारत को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। फाइजर चाहती है कि वैक्सीन को लेकर पैदा होने वाले किसी भी कानूनी विवाद की सुनवाई अमरीका की अदालत में ही हो। इसके अलावा कंपनी दवा से होने वाले संभावित नुकसान की स्थिति में क्षतिपूर्ति के दावों पर संरक्षण चाहती है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कंपनी के साथ वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर बातचीत अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। हालांकि इस बातचीत के दौरान सरकार दवा से होने वाले संभावित नुकसान की स्थिति में क्षतिपूर्ति के दावों पर संरक्षण देने को तैयार है, लेकिन वह कानूनी मामलों की सुनवाई विदेशी कोर्ट में करवाए जाने की शर्त मानने को तैयार नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि फाइजर ने क्षतिपूर्ति के दावों पर संरक्षण की जो शर्त रखी है, वह यदि विदेशी कंपनी को दी जाती है, तो घरेलू वैक्सीन निर्माताओं को भी यह राहत दी जाएगी। देश में वैक्सीन की आपूर्ति बनाने को लेकर सरकार कई कदम उठा रही है। जिसमें बिना गारंटी के एडवांस पेमेंट किया जाना भी शामिल है।
कानूनी मामलों की सुनवाई अमरीकी अदालत में किए जाने की शर्त को लेकर गतिरोध बना हुआ है। यदि यह मामला संसद में जाता है तो वहां से इस तरह की राहत मिलने की संभावना नहीं है। इसके बावजूद सरकार कंपनी की शर्तों पर काम कर रही है और जल्द ही इस मामले में सकारात्मक नतीजे आने की संभावना है। यदि देश में कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के बाद किसी को उसका साइड इफेक्ट होता है और इससे किसी को शारीरिक क्षति होती है तो वह सामान्य स्थिति में कंपनी के खिलाफ क्षतिपूर्ति का दावा कर सकता है। फाइजर इसी तरह के दावों से संरक्षण चाहती है, क्योंकि अभी तक वैक्सीन लगाए जाने के बाद इसके साइड इफैक्ट्स के पूरे परिणाम सामने नहीं आए हैं। फाइजर के साथ चल रही बातचीत की शर्तों के बाद भारत में कोविशील्ड की आपूर्ति कर रही सीरम इस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी क्षतिपूर्ति के दावों पर संरक्षण की मांग की है और यदि फाइजर को यह राहत दी जाती है तो सीरम इंस्तीट्यूट को भी यह राहत मिल सकती है।