-कोरोना पर डब्ल्यूएचओ ने अब दी सफाई
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि एसिंप्टोमेटिक (लक्षणविहीन) संक्रमितों से महामारी फैलने का खतरा बहुत ही कम है। लेकिन अब वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने साफ किया है कि ऐसे लोग भी दूसरों को कोरोना वायरस से संक्रमित कर सकते हैं जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे संक्रमण को प्री-सिप्टोमेटीक कहते हैं। डब्ल्यूएचओ ने एसिंप्टोमेटिक कोरोना मरीजों को लेकर कही गई अपनी बात पर स्पष्टीकरण दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि सामान्य तौर पर वायरस का संक्रमण होने के बाद 5 से 6 दिनों के बाद दिखाई देने लगता है। लेकिन इसमें 14 दिन का समय भी लग सकता है। इसके अलावा आंकड़े ये भी बताते हैं कि पीसीआर टेस्ट के जरिए लक्षण उभरने के दो-तीन पूर्व ही पहचान की जा सकती है। प्री सिंप्टोमेटिक संक्रमण तब होता है जब किसी व्यक्ति को ऐसे संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण हो जाए जिसमें लक्षण दिखाई न दे रहे हों। कई लोगों में संक्रमित होने के बावजूद कभी वायरस के लक्षण नहीं उभरते लेकिन ऐसे लोग भी दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के रोल पर सवाल खड़े किए गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे लेकर सीधा हमला बोला था। उन्होंने साफ कहा था कि डब्ल्यू चीन के प्रभाव में काम कर रहा है। अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली बड़ी फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। हालांकि अमेरिका के ऐसा करने के कुछ ही दिनों बाद चीन ने डब्ल्यूएचओ को बड़ी फंडिंग का वादा कर दिया। चीन के इस कदम से अमेरिका के आरोपों को और बल मिला है। यही नहीं मास्क के इस्तेमाल को लेकर भी डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस पर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। गौरतलब है कि जनवरी महीने में चीन में कोरोना फैलने के बाद से ही डब्ल्यूएचओ ने मास्क के इस्तेमाल पर बहुत जोर नहीं दिया था। हाल ही में संगठन ने मास्क को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है। लेकिन इसमें भी संगठन की तरफ से साफ कहा गया है कि कोरोना से बचाव में सिर्फ मास्क के भरोसे नहीं रहा जा सकता है। दुनियाभर में कोरोना के कुल रोगियों की संख्या 71 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। अब तक इस महामारी से दुनिया में चार लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में संक्रमित हुए हैं। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 20 लाख से ऊपर है। सात लाख से ज्यादा संक्रमितों के साथ ब्राजील दूसरे नंबर पर है।