इस्लामाबाद । पाकिस्तान के ना-पाक मंसूबें दुनिया के लिए खतरें की घंटी बनते जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान सरकार मजबूत परमाणु क्षमता विकसित करने में लगी हुई है। यदि वह अपने इरादों में कामयाब होती है, तो पाकिस्तान डराने-धमकाने की स्थिति में आ जाएगा, जो पूरे विश्व के लिए खतरनाक है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चूंकि पाकिस्तान आंतरिक सुरक्षा की गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है, उसके परमाणु शस्त्रागार गलत हाथों में जा सकते हैं और तबाही का कारण बन सकते हैं।
रक्षा विशेषज्ञ काइल मिज़ोकामी का कहना है कि पाकिस्तान स्पष्ट रूप से एक मजबूत परमाणु क्षमता विकसित कर रहा है, जिससे वह न केवल परमाणु युद्ध का मुकाबला कर सकता है बल्कि उसे भड़का भी सकता है। उन्होंने कहा कि दशकों से परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान अब अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को लगातार बढ़ा रहा है, ताकि विनाशकारी हमलों में समर्थ हो सके। मौजूदा वक्त में पाकिस्तान के पास 110 से 130 परमाणु बम होने का अनुमान है, जबकि 1998 में यह आंकड़ा 25 के आसपास था।
2015 में कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस और स्टिमसन सेंटर ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान की बम बनाने की क्षमता सालाना बीस बमों की है, जिसका मतलब है कि पाकिस्तान जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु ताकत बन सकता है। हालांकि अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान नजदीकी भविष्य में केवल 40 से 50 परमाणु हथियार विकसित कर सकता है।
पाकिस्तान के पास वर्तमान में जमीन, हवा और समुद्र से मार करने वाली परमाणु हथियार प्रणालियां हैं। इनमें लड़ाकू विमान, मिसाइलें और युद्धपोत शामिल हैं। माना जाता है कि पाकिस्तान ने परमाणु बम ले जाने में सक्षम बनाने के लिए अमेरिका निर्मित बुलेट एफ-16ए लड़ाकू विमानों और फ्रांसीसी मिराज लड़ाकू विमानों को मॉडिफाई किया था। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलें भी बनाई हैं। 'द नेशनल इंटरेस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान शाहीन-3 मिसाइल को भी विकसित कर रहा है जो 1708 मील तक मार करने में सक्षम है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पास समुद्र से मार करने के लिए बाबर क्लास की क्रूज मिसाइलें हैं। इसका नया वर्जन बाबर-2 है, जिसकी आकृति बुलेट जैसी है। इसकी मारक क्षमता 434 मील है। बाबर-2 को जंगी बेड़ों और जमीन दोनों पर तैनात किया जा सकता है। 'द नेशनल इंटरेस्ट' की रिपोर्ट में बताया गया है कि पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बाबर-3 मिसाइल का जनवरी में परीक्षण किया गया था।