दुबई । बलूच विद्रोहियों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना ने ईरान सीमा पर सक्रिय हो गई है। पाकिस्तान की ईरान सीमा पर विद्रोहियों के खिलाफ दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से बताया है कि हिंसा को खत्म करने के लिए यह अभियान चलाया गया है। कई साल से ईरान और पाकिस्तान एक-दूसरे पर विद्रोहियों को खत्म करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाने का आरोप लगाते आ रहे हैं। पिछले महीने पाकिस्तानी सेना की मीडिया ने सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की जानकारी दी थी। बलूचिस्तान में कई विद्रोही गुट सक्रिय हैं। आरोप लगाया जाता रहा है कि बलूच अलगाववादी यहां हिंसा कराते हैं। एक इंटेलिजेंस ऑफिसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 'ग्राउंड जीरो क्लियरेंस ऑपरेशन' के तहत कार्रवाई की जा रही है। इलाके के लोगों ने भी ऐसी हलचल के बारे में बताया है। कुछ हफ्ते पहले सरकार के समर्थक एक नेता नवाबजादा जमाल खान रायसैनी ने कहा था कि पाकिस्तान की सेना ने बलूच लिबरेशन आर्मी और बलूच लिबरेशन फ्रंट को साफ करने के लिए अभियान चलाया है। उन्होंने कहा था कि कई आतंकियों को ढेर कर दिया गया और उनके ठिकाने उड़ा दिए गए। इस बारे में पाकिस्तान के मंत्रियों ने साफ-साफ जवाब नहीं दिए हैं। बलूचिस्तान के गृहमंत्री मीर जिया उल्लह लंगूव ने ऑपरेशन के बारे में तो कुछ नहीं कहा लेकिन 'असरदार' कदम उठाने की बात कही है। वहीं, एक और अधिकारी ने बताया कि कई निशाने हफ्तों पहले बना लिए गए थे और अब केच, पंजगुर और ग्वादर में छापेमारी की जा रही है।
इंटेलिजेंस ऑफिसर का कहना है कि पाकिस्तान ने पिछले साल मई से ईरान के साथ 900 किमी की सीमा पर कांटेदार दीवार लगानी शुरू कर दी थी जिससे विद्रोही परेशान हो गए हैं। इसलिए वे और ज्यादा हमले कर रहे हैं। पिछले महीने पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने ईरानी समकक्ष से इस बारे में बात की। साथ ही पाकिस्तानी टुकड़ियों पर हो रहे हमलों को लेकर भी चर्चा की। वहीं, पिछले साल अप्रैल में एक पैसेंजर बस पर हमले में 14 लोगों की मौत हो गई। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि हमलावर ईरान में छिपे थे और तेहरान से कदम उठाने के लिए कहा था।