लाहौर । मलेशिया ने शुक्रवार को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन (पीआईए) के लीज पर लिए गए बोइंग-777 का भुगतान अदा ना करने की वजह से कुआलालंपुर एयरपोर्ट पर जब्त कर लिया था। इसके बाद पाकिस्तान को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। शर्मिंदगी झेलने के बाद मामले पर पाकिस्तान के उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर खान ने सफाई देकर कहा है कि कोरोना की वजह से लीज पर लिए गए रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के उड्डयन मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (पीआईए) ने साल 2015 में दो एयरक्राफ्ट लीज पर लिए थे लेकिन कोविड-19 की वजह से एयरलाइन पिछले साल भुगतान नहीं कर सकी। उन्होंने महंगी लीज पर दो एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए पूर्ववर्ती पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की सरकार की भी आलोचना की। एयरलाइन ने साल 2015 में एक वियतनामी कंपनी से बोइंग-777 सहित दो एयरक्राफ्ट 14 मिलियन डॉलर की लीज पर लिए थे।
उन्होंने बताया, लीज पर लिए दोनों एयरक्राफ्ट को लेकर ब्रिटेन की कोर्ट में मामला लंबित है और अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं आया है। लेकिन मलेशिया की अदालत ने एयरलाइन का पक्ष जाने बिना प्लेन को जब्त करने का एकतरफा फैसला ले लिया। हमारे वकील 22 जनवरी को यूके की कोर्ट और 24 जनवरी को कुआलालंपुर की कोर्ट में पेश होगा।
मलेशिया ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन के बोइंग-777 प्लेन को जब्त किया, तब उसमें 172 पैसेंजर भी सवार थे। उन्हें यूएई और कतर की फ्लाइट्स से रविवार को इस्लामाबाद लाया गया। जबकि क्रू मेंबर्स अभी तक मलेशिया में फंसे हुए हैं। बोइंग 777 फ्लाइट के 18 क्रू मेंबर्स सोमवार यानी आज इस्लामाबाद लौटे। रिपोर्ट के मुताबिक, मलेशिया में दो दिनों तक फंसे रहे यात्रियों का कहना है कि पीआईए और पाकिस्तानी दूतावास के स्टाफ ने उनके खाने-रहने का भी प्रबंध नहीं कराया। उन्हें दो दिनों तक कुआलालंपुर एयरपोर्ट की फर्श पर ही सोना पड़ा। पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने भी एयरलाइन के गैर-जिम्मेदाराना रवैये को लेकर फटकार लगाई है। सिविल एविएशन अथॉरिटी ने कहा कि पीआईए अंतरराष्ट्रीय लीज कानून से अनभिज्ञ जान पड़ती है और उसका बर्ताव बेहद गैर-जिम्मेदाराना है।