इस्लामाबाद । फलस्तीन पर इजरायली हमले के बीच पाकिस्तान अपने आका तुर्की के साथ मिलकर षडयंत्र रचने में जुट गया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री फलस्तीन का बहाना लेकर तुर्की जा पहुंचे हैं और उन्होंने मुस्लिम देशों का खलीफा बनने का सपना देख रहे राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान से मुलाकात की है। इस बीच पाकिस्तानी सांसद मौलाना चित्राली ने इमरान सरकार से कहा है कि इजरायल के खिलाफ जिहाद ही एकमात्र उपाय है।
मौलाना चित्राली ने संसद में दिए अपने भाषण में कहा कि फिलस्तीन और कश्मीर की आजादी के लिए सरकार परमाणु बम और मिसाइलों का इस्तेमाल करने से नहीं हिचके। चित्राली ने कहा हमने परमाणु बम क्या म्यूजियम में देखने के लिए बनाए हैं? अगर हम फिलस्तीन और कश्मीर को स्वतंत्र नहीं करा सकते तो हमें मिसाइल, परमाणु बम या विशाल सेना की कोई जरूरत नहीं है।
दरअसल, फलस्तीन पर इजरायल के हमले को पाकिस्तान और तुर्की दोनों ही एक अवसर के रूप में देख रहे हैं। कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने अब फिलस्तीन कोरोना सहायता भेजने का भी ऐलान किया है। तुर्की और पाकिस्तान को उम्मीद है कि इसके जरिए वे दुनियाभर के मुस्लिमों की सहानुभूति हासिल कर सकेंगे। इसके साथ ही खुद ही मुस्लिमों का नेता साबित कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि इजरायल और फलस्तीनी उग्रवादी गुट हमास के बीच हमलों के दौरान इजरायल तथा उसके कब्जे वाले क्षेत्रों में फलस्तीनी लोग मंगलवार को हड़ताल पर चले गए।
उन्होंने इजरायल की नीतियों के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई के रूप में यह कदम उठाया है। इजरायल ने मंगलवार को गाजा में चरमपंथियों पर कई हवाई हमले किए और छह मंजिला इमारत को गिरा दिया, वहीं चरमपंथियों ने इजराइल में बड़ी संख्या में रॉकेट दागे। दोनों के बीच संघर्ष को एक सप्ताह से अधिक हो गया है और जंग रुकने के कोई संकेत नहीं दिख रहा है।