इस्लामाबाद । अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण एवं हत्या मामले में अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के बढ़ते दबाव के बीच पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वह अपहरण एवं हत्या मामले में अलकायदा आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगियों को बरी किये जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सिंध प्रशासन द्वारा शुरू की गई पुनरीक्षण की कार्यवाही में औपचारिक रूप से शामिल होगी। वर्ष 2002 में एक अखबार के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।
गौरतलब है कि सिंध उच्च न्यायालय द्वारा आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाए जाने के खिलाफ की गई अपील को शीर्ष न्यायालय ने गुरुवार को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया। पाकिस्तानी अदालत ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य आरोपियों फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को भी रिहा करने का आदेश दिया। अमेरिकी पत्रकार के परिवार ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि न्याय का पूरी तरह से मजाक बना दिया गया है। सिंध सरकार ने पर्ल के अपहरण एवं हत्या मामले में शेख और उसके तीन सहयोगियों को बरी किये जाने के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को देश के उच्चतम न्यायालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल के प्रवक्ता ने शनिवार को घोषणा की कि संघीय सरकार कार्यवाही में पक्षकार के तौर शामिल होने की अनुमति मांगने के लिए शीर्ष अदालत के सामने उचित याचिका दायर करेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि संघीय सरकार पुनरीक्षण याचिकाओं की सुनवाई के लिए वृहद पीठ के गठन के लिए अर्जी दायर करेगी। उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार के सहयोग से संघीय सरकार इस जघन्य अपराध के दोषियों को कानून के अनुसार न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी कदम उठाना जारी रखेगी। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बातचीत की थी और पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों की जवाबदेही तय किए जाने पर चर्चा की थी। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में की गई नृशंस हत्या में शामिल लोगों को बरी किए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधों की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है।