जेनेवा । जानी-मानी कंपनी जॉनसन ऐंड जॉनसन की बनाई कोरोना वायरस वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इमर्जेंसी में इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। एक खुराक वाली इस वैक्सीन को अब अंतरराष्ट्रीय कोवेक्स मुहिम में शामिल किया जा सकेगा, जिसके जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन बांटी जा रही हैं, खासकर गरीब देशों को।
एक बयान में संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया है कि बड़े स्तर पर क्लिनिकल ट्रायल में जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन वयस्क आबादी पर असरदार पाई गई है। इससे एक दिन पहले ही यूरोपियन यूनियन ने वैक्सीन को सभी देशों में हरी झंडी दी थी। दिलचस्प बात यह रही है कि वैक्सीन दक्षिण अफ्रीका में असरदार रही जहां नए वेरियंट ने परेशानी खड़ी कर रखी है। डब्ल्यूएचओ के सीनियर अडवाइजर डॉ ब्रूस ऐलिवर्ड ने उम्मीद जताई है कि आने वाले महीनों में जेएंडजे कुछ मात्रा में खुराक उपलब्ध करा सकेगी। कम से कम जुलाई में इससे वैक्सिनेशन की जा सके, ऐसी उम्मीद की जा रही है। इसकी सिर्फ एक खुराक असरदार है, इसलिए इसे लेकर ज्यादा उत्साह है।
वैक्सीन को कम तापमान में स्टोर करना होता है, इसलिए एक खुराक से यह काम बेहतर हो सकेगा।डब्ल्यूएचओ डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ऐडनम का कहना है कि नई वैक्सीनें मिलने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना होगा कि वे वैश्विक समाधान का हिस्सा बनें, न कि ऐसी वजह जिससे कुछ देश और लोग पीछे रह जाएं। जेएंडजे की वैक्सीन का ट्रायल तीन महाद्वीपों में किया गया था। इसमें यह गंभीर बीमारी, अस्पतालों में भर्ती करने और मौत जैसे मानकों के खिलाफ 85 फीसदी असरदार मानी गई।