कोलंबो । दुनिया खासकर यूरोपियों में बैन के बाद धार्मिक कट्टरपंथ से जूझ रहा श्रीलंका अब बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। महिंदा राजपक्षे सरकार के एक मंत्री ने शनिवार को ऐलान किया कि श्रीलंका जल्द ही बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा कम से कम 1 हजार इस्लामी स्कूलों को भी बंद किया जाएगा। श्रीलंका के अलावा भी दुनिया के कई सारे देश बुर्के पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। कुछ दिन पहले ही स्विट्जरलैंड ने भी जनमत संग्रह कर बुर्के के पहनने पर प्रतिबंध लगाया था। श्रीलंका के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री सरथ वेरासेकेरा ने कहा कि उन्होंने कैबिनेट की मंजूरी के लिए एक बिल पर साइन किया है। इस बिल में राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध की मांग की गई है। अगर यह बिल कैबिनेट से पारित हो जाता है तो श्रीलंका की संसद इस पर कानून बना सकती है।
वेरासेकेरा ने कहा कि मदरसे श्रीलंका के राष्ट्रीय शिक्षा नीति की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि कोई भी स्कूल नहीं खोल सकता है और बच्चों को आप जो भी चाहते हैं वह सिखा नहीं सकते हैं। सरथ वेरासेकेरा ने कहा कि पहले के समय में मुस्लिम महिलाएं और लड़कियां बुर्का नहीं पहनती थीं। यह हाल ही में आए धार्मिक अतिवाद का संकेत है। हम निश्चित रूप से इस पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस कानून से श्रीलंका में मुसलमानों का गुस्सा बढ़ सकता है। गौरतलब है कि श्रीलंका ने कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण से मरे मुसलमानों के शवों को दफनाने पर रोक लगा दी थी। तब सरकार ने यह दलील दी थी कि इससे संक्रमण फैलने की संभावना नहीं होगी। हालांकि, तब इस फैसले को लेकर श्रीलंका के मुस्लिमों ने काफी विरोध किया था। मामला श्रीलंकी की सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था लेकिन फैसला जस का तस रहा। बाद में अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों की आलोचना के बाद श्रीलंकाई सरकार ने इस साल की शुरुआत में इस प्रतिबंध को हटा दिया था। यूरोप के कई देशों ने बुर्के पर आंशिक या पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसमें नीदरलैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क शामिल हैं। हाल के दिनों में जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क ने कट्टरपंथ को देखते हुए और भी कई नए प्रतिबंधों को लगाने का ऐलान किया हुआ है।