नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में रिलायंस पावर की ‘सासन अति वृहद बिजली परियोजना’ (यूएमपीपी) को बंद करने और उसकी पर्यावरण मंजूरियां रद्द करने के लिए याचिका दायर की गई है। याचिका दायर करने की वजह मध्यप्रदेश के सिंगरौली स्थित इस परियोजना के रिहंद सरोवर में जान-बूझकर औद्योगिक कचरा डाला जाना है। अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने अपनी याचिका में 10 अप्रैल, 2020 की एक घटना का जिक्र भी किया है। इस दिन परियोजना से निकलने वाली राख इकाई के ‘लापरवाह रवैए’ को दिखाती है। याचिका में दावा किया गया हरै कि इस लापरवाही से संयंत्र से निकलने वाली राख आसपास के खेतों में फैल गई। इससे कथित तौर पर छह ग्रामीणों की मौत हो गई जिसमें तीन नाबालिग भी शामिल थे। वहीं रिहंद सरोवर में राख के कीचड़ की वजह से पशुधन की भी हानि हुई।
याचिका में कहा गया है कि इस राख की वजह से पानी में कई हानिकारक रसायन मिल गए जो आसपास के लोगों के लिए ट्यूमर और अन्य कई स्वास्थ्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं। याचिका में एनजीटी से गोविंद वल्लभ पंत सागर या रिहंद सरोवर, जल संसाधनों, गांवों, पीने के पानी के कुंओं और खेतों से सभी औद्योगिक अपशिष्ट हटाने की अपील की गयी है।