वेलिंगटन । न्यूजीलैंड में महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए एक विशेष योजना का ऐलान किया गया है। प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने ऐलान किया है कि स्कूलों में अगले तीन साल तक लड़कियों को पीरियड्स से जुड़े उत्पादों को निशुल्क दिया जाएगा। अर्डर्न ने कहा कि पैड या टैम्पोन की कमी शिक्षा ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और रोजगार पर भी नकारात्मक असर डाल रही है। न्यूजीलैंड सरकार ने यह ऐलान छह महीने के पायलट प्रोजक्ट चलाने के बाद किया है। इस अभियान को न्यूजीलैंड के वेटकॉटो क्षेत्र के 15 स्कूलों में टेस्ट किया गया था। इन स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट की कुल तादाद 3200 के आसपास है। प्रधानमंत्री अर्डर्न ने बताया कि देश की प्राइमरी, इंटरमीडिएट और सेकेंडरी स्कूलों में जून से शुरू होने वाले इस अभियान की कुल लागत करीब 17.96 मिलियन डॉलर के आसपास होगी। नवंबर 2020 में स्कॉटलैंड ने सबसे पहले ऐलान किया था कि वह अपने देश के स्कूलों में मुफ्त में पीरियड प्रोडक्ट उपलब्ध कराएगा। जिसे जरूरत हो वह इन उत्पादों को निशुल्क ले सकते हैं। जिसके बाद कई अन्य देशों ने भी ऐसे प्रोग्राम शुरू किए हैं। जनवरी में ब्रिटेन ने कहा कि वह टैम्पोन पर लगने वाले टैक्स को खत्म करने जा रहा है। इसके अलावा सैनिटरी पैड्स पर लगने वाले लग्जरी वस्तुओं के टैक्स को भी खत्म करने के बारे में कहा था
अमेरिका में भी कम से कम 30 राज्यों में सेनेटरी उत्पादों पर लगने वाले टैक्स लगभग समान हैं। हालांकि, जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद वाइट हाउस ने ऐलान किया है कि जेंडर पॉलिसी काउंसिल को महिलाओं के जीवन से संबंधित मुद्दों, राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल को लेकर नीतियां बनाने के लिए कहा गया है। ऐसे में अमेरिका भी जल्द ही इन उत्पादों पर टैक्स की दर कम करने को लेकर ऐलान कर सकता है। न्यूजीलैंड दुनिया के सबसे धनी देशों में से एक है, फिर भी पिछले साल चैरिटी किड्सकैन के एक अध्ययन में दावा किया गया था कि देश के 20,000 से अधिक छात्राएं टैम्पोन या अन्य उत्पादों को खरीदने में सक्षम नहीं थीं। इसमें कहा गया था कि अगर इनके पास पीरियड्स से जुड़े उत्पाद नहीं होंगे तो ये स्कूल नहीं जाएंगे। ऐसे में इससे समाज के ऊपर बड़ा कलंक लगेगा।