काठमांडू । नेपाली विदेशमंत्री प्रदीप ग्यावली 14 जनवरी को नई दिल्ली पहुंचने वाले है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उनकी बैठक 15 जनवरी से शुरू होगी। यह नेपाल और भारत के बीच संयुक्त आयोग की छठी बैठक होगी। दोनों देशों के अधिकारी समझौतों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं,इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र भी शामिल है। इन समझौतों को नेपाली विदेश मंत्री के भारत यात्रा के दौरान ठोस रूप दिया जा सकता है। यह यात्रा नेपाल-भारत के बीच कुछ विवादों के बीच सौहार्द का प्रतीक है।
ग्यावली की भारत यात्रा नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा पिछले महीने संसद भंग से नेपाल की राजनीति में आए तूफान के बीच हो रही है। नेपाल में राष्ट्रीय चुनाव 30 अप्रैल से 10 मई के बीच संपन्न कराए जाने की घोषणा की गई है। ओली ने बताया कि सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अंदरूनी प्रतिद्वंद्वियों के चलते वह निर्णय नहीं ले पा रहे थे और उनके पास संसद भंग करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बच गया था।
अपनी यात्रा के दौरान ग्यावली को भारत में उत्पादित कोरोना की 1.2 करोड़ से अधिक खुराक की आपूर्ति की उम्मीद है। नेपाल के पास चीन की सिनोवैक वैक्सीन की आपूर्ति की पेशकश है। भारतीय अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान नेपाली अधिकारियों ने कहा कि ओली सरकार ने भारत से वैक्सीन प्राप्त करने की इच्छा जाहिर की है। भारत में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य पहले से ही भारतीय वैक्सीन निर्माताओं और सरकारी अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें कर चुके हैं। उनकी आखिरी मुलाकात मंगलवार को भारत बायोटेक के कार्यकारी निदेशक डॉ.वी. कृष्णमोहन के साथ हुई थी।
विदेश मंत्री जयशंकर के साथ ग्यावली के साथ होने वाली बैठक में नेपाल-भारत सीमा विवाद उठने की भी आशंका है। नेपाल ने पिछले साल एक नया राजनीति मानचित्र जारी किया था जिसके चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। मानचित्र में नेपाल ने भारत के कुछ क्षेत्र को अपने देश में दिखाया था। इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों को फिर से बल मिलेगा। दोनों देशों के बीच भूगोल, इतिहास, संस्कृति, भाषा और धर्म के आधार पर सदियों पुरानी साझी सभ्यता है जो पूरे विश्व में एक अनूठा उदाहरण है।