नई दिल्ली। भारत और नेपाल के बीच सीमा मुद्दे पर तल्खी बरकरार है। हालांकि भारत ने कहा है कि इसे आपसी बातचीत के जरिये सुलझा लिया जाएगा। इस बीच खबर है कि नेपाली संसद के ऊपरी सदन में 3 बजे नक्शा विवाद पर चर्चा होगी और संविधान संशोधन विधेयक पारित किया जाएगा। बता दें, नेपाल ने प्रतिनिधिसभा में एक नए नक्शे को मंजूरी दी है, जिसमें भारतीय जमीन को शामिल किया गया है। इसके बाद दोनों देशों में कड़वाहट सामने आई है। नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने 13 जून को नक्शे से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। संसद में चर्चा के दौरान लगभग सभी दलों ने इस पर सहमति जताई। नेपाल में इस विधेयक के बाद एक नए राजनीतिक-प्रशासनिक नक्शे को राष्ट्रीय प्रतीक में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है। इस नक्शे में भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है।
इस बारे में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने एक ट्वीट किया और कहा कि "प्रतिनिधिसभा ने सभी दलों की सहमति से संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके साथ नए राजनीतिक नक्शे को राष्ट्रीय प्रतीक में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया।" इसके पहले नेपाली प्रतिनिधिसभा ने नौ जून को देश के नए नक्शे को मंजूरी देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को सभी दलों की सहमति से मंजूरी दी थी।सीमा विवाद को लेकर नेपाल के साथ भारत की तरफ से कड़वाहट को खत्म करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। लेकिन इस मुद्दे पर नेपाल का रवैया बचकाना रहा है। अब भारत ने कहा है कि जब नेपाल नक्शे में विवादित संशोधन का प्रस्ताव अपनी संसद में पेश करने जा रहा था उससे पहले भारत ने दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने अपनी संसद को इस बात की जानकारी नहीं दी। हालांकि नेपाल का दावा है कि बातचीत की पेशकश हमारी ओर से हुई थी, लेकिन भारत ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।