जबलपुर। कोरोना संक्रमण काल में स्वास्थ्य अमले द्वारा लगातार लापरवाही बरत जा रही है। अस्पतालों में इस्तेमाल किये जा रहे ग्लब्ज और मॉस्कों को लापरवाही पूर्वक खुले में कहीं भी फेंका जा रहा है। कोविड बेस्ट को लापरवाहीपूर्ण तरीके से फेंका जाना खतरनाक हो सकता है। ऐसी लापरवाही बरतने में जिले के सरकारी अस्पताल सबसे आगे हैं।
जिला अस्पताल विक्टोरिया में इन दिनों लापरवाही बरती जा रही है। दरअसल यहां पर नर्सो,डॉक्टरों द्वारा उपयोग किए गए ग्लब्ज,मास्क सहित अन्य को खुले में फेंका जा रहा है। विक्टोरिया में स्वछंद विचरण करने वाले सुअर और कुत्ते कचरे के ढेर में लगे इन ग्लब्ज, मास्को को अस्पताल परिसर में फैला रहे । शासन के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। गौरतलब है कि प्रशासन द्वारा सोशल डिस्टेसिंग और कोरोना से बचाव के लिए विज्ञापनों के माध्यम से दिशा नर्देश जारी किए जा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी इससे बेखबर है। अगर चिकित्सकों,नर्स,कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए गए ग्लब्ज, मास्क व पीपीई किट का अस्पताल प्रबंधन ठीक तरह से डिस्पोज नहीं कराया तो इसके घातक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
नियमित सफाई का अभाव
विक्टोरिया अस्पताल में नियमित रुप से साफ-सफाई नहीं हो रही है। जिसके कारण गंदगी का आलम बना रहता है। लिहाजा साफ-सफाई न होंने से बीमारियां होंने का अंदेशा बना हुआ है। विक्टोरिया अस्पताल में खुले में ग्लव्ज,मास्क उपयोग किए हुए चिकित्सकों और नर्सो द्वारा फेंका गया है। जिसके कारण कुत्ते इसे कचरे से निकालकर फैला रहे है। लोगों में दहश्ता बनी हुई है।
शहर में 180 किलो कोविड वेस्ट रोज निकल रहा
जबलपुर शहर में 172 से 180 किग्रा प्रतिदिन निकल रहा कोविड वेस्ट। जिसे एलाइट इंजीनियर्स अपने इंसीनेटर में जलाकर नियमानुसार गाइडलाइन के अनुसार नष्ट करते हैं। नगर निगम कंटेनमेंट एरिया से एकत्र किया हुआ लगभग 150 किग्रा कोविड वेस्ट कठौंदा स्थित वेस्ट टू एनर्जी व बॉयो हैजर्ड प्लांट में गाइड लाइन के अनुसार नष्ट करता है। किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में कोविड वेस्ट का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। मेडिकल हॉस्पिटल में इंसीनेटर है मगर विगत 10 वर्षों से यह बंद है। शहर के 75 किमी शहर के रेडियस में इसे नष्ट करने का ठेका है एलाइट इंजीनियर्स के पास। एलाइट इंजीनियर्स के पास100 केजी प्रति घंटे कोविड वेस्ट नष्ट करने की क्षमता का इंसीनेटर है। जिसमें वेस्ट को जलाया जाता है।
नगर निगम केवल कंटेनमेंट इलाकों जो कि 12 हैं से प्रतिदिन अपने वाहन से कोविड वेस्ट एकत्र करता है जिसे वह कठौंदा कचरे से बिजली बनाने वाले प्लांट के करीब बने इंसीनेटर में नष्ट करता है। स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह के अनुसार प्रतिदिन करीब 150 किलो वेस्ट कठौंदा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भेजा जाता है,जहां ग्लव्ज व पीपीई किट, मास्क बॉयो हैजर्ड प्लांट में शेष कचरा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भट्टी में नष्ट किया जाता है। जो वाहन वेस्ट एकत्र करता है वह सुरक्षित होता है और रास्ते में कहीं भी नहीं रोका जाता। जिले में प्रतिदिन लगभग 225 पीपीई किट प्रतिदिन इस्तेमाल हो रहे हैं। जिसमें 100 मेडिकल,50 विक्टोरिया, 75 सुखसागर अस्पताल व ग्रामीण क्षेत्रों में इस्तेमाल हो रहे हैं। 4500 से 5 हजार डिस्पोजेबल मॉस्क का उपयोग किया जा रहा है।10 हजार हैंड ग्लव्ज इस्तेमाल हो रहे हैं।