यंगून । म्यांमार में सैन्य तख्तापलट कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में गुरुवार को 10 लोगों की जान चली गई। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने म्यांमार से बर्बर बल प्रयोग रोकने की अपील की है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ ने कहा कि मानवता के खिलाफ अपराध के और सबूत मिले हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि गुरुवार को मायिंग में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में छह प्रदर्शनकारी मारे गए। इसके अलावा यांगून, मांडले, बागो और तुआंगू में एक-एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। मारे गए प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें भी पोस्ट की गई है।
सुरक्षा बलों ने पूर्व में भी प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी जिसमें कम से कम 60 लोगों की मौत हुई थी। सेना ने सत्ता से बेदखल की गयीं नेता आंग सान सू ची के खिलाफ नए आरोप लगाते हुए कहा है कि 2017-18 के दौरान सहयोगी राजनीति दल से उन्हें छह लाख डॉलर और सोने की टिकिया मिली। तख्तापलट के बाद सू ची और म्यांमार के राष्ट्रपति विन मिंट को हिरासत में लिए जाने के दौरान कम गंभीर आरोप लगाए गए थे। सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल जा मिन तुन ने राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यांगून डिवीजन के पूर्व मुख्यमंत्री फ्यो मिन ने सू ची को धन और सोना देने की बात कबूल की है। हालांकि, प्रवक्ता ने इस संबंध में कोई साक्ष्य पेश नहीं किया।
सेना द्वारा एक फरवरी को सू ची की सरकार का तख्तापलट करने के बाद से देश में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को तख्तापलट के फैसले को बदलने की मांग की और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की निंदा की। संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक थॉमस एंड्रयूज ने कहा कि प्रदर्शनकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सेना हर दिन सैकड़ों लोगों को हिरासत में ले रही है। काचिन अल्पसंख्यक समुदाय के गुरिल्ला छापामारों द्वारा गुरुवार को सरकारी ठिकाने पर हमले की भी खबर मिली है।