कैनबेरा । ऑस्ट्रेलिया
में सोने के
खनन के दौरान
कुछ ऐसा मिला
जिसकी किसी को
उम्मीद नहीं थी।
जियॉलजिकल कंसल्टेंट डॉ.जेसन
मेयर्स के नेतृत्व
में टीम ने
दावा किया कि
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में उल्कापिंड
से बना हुआ
क्रेटर मिला है।
यह दुनिया के
सबसे बड़े उल्कापिंड
क्रेटर में से
एक हो सकता
है। माना जा
रहा है कि
यह उल्कापिंड करीब
10 करोड़ साल पहले
गिरा था। यह
इलाका ओरा बांदा
के गोल्डफील्ड्स के
पास का है।
करीब 5 किलोमीटर के डायमीटरमें
फैले क्रेटर को
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और ग्रैविमेट्रिक
मैपिंग की मदद
से खोजा गया
है। चट्टानों के
नीचे क्रेटर के
बाहरी किनारे और
सेंट्रल अपलिफ्ट को माप
किया गया। मेयर्स
ने बताया,ऐस्टरॉइड
जिससे यह क्रेटर
बना है वह
कम से कम
100 मीटर का रहा
होगा। इसकी स्थिति
और इसमें से
गायब हुए एलिमेंट्स
और किनारे की
ओर मिली मिट्टी
के आधार पर
कहा जा सकता
है कि यह
10 करोड़ साल पुराना
हो सकता है।
सोने की खोज
करते वक्त यह
मिला। यह बाहर
से कभी नहीं
दिखा था क्योंकि
समय के साथ
यह भर गया
था। इस खोज
के बाद डॉक्टर
मेयर्स को जांच
के लिए बुलाया
गया। उन्होंने साइट
पर सैंपल्स की
मदद से उल्कापिंड
का पता लगाया।
मेयर्स ने बताया
कि यहां जो
सैंपल मिले हैं
वे सिर्फ न्यूक्लियर
ब्लास्ट या उल्कापिंड
से पैदा होते
हैं। हम तकनीकी
रूप से इस
बात से संतुष्ट
हैं कि ऐस्टरॉइड
इस जगह पर
गिरा है। इसका
सोने से कोई
संबंध नहीं है
लेकिन इसके गिरने
से सोना आसपास
फैल गया।