लंदन । दुनिया सबसे अमीर शख्स और स्पेसएक्स और टेस्ला के मालिक एलन मस्क इंसानों के लिए जीवन कई ग्रहों पर मुमकिन बनाना चाहते हैं लेकिन इसके पीछे वजह क्या है? हाल ही में जो रोगन के साथ पॉडकास्ट पर उन्होंने बताया कि धरती के सामने कई खतरे हैं जिन्हें देखते हुए उन्हें लगता है बाहर भी ठिकाना ढूंढना जरूरी है। मस्क ने इस दौरान बताया कि पूरी आकाशगंगा को अपना घर बनाया जा सकता है, कुछ पड़ोसी गैलेक्सियों को भी। हाल ही में मस्क की कंपनी ने एक साथ सबसे ज्यादा सैटलाइट लॉन्च करने का भारत का रेकॉर्ड तोड़ा है और आसमान में सबसे बड़े सैटलाइट बेड़े की तैयारी में लग गई है। मस्क का कहना है कि इंसान प्राकृतिक आपदाओं के साथ अपनी करतूतों के भी भरोसे हैं। उन्होंने पॉडकास्ट में बताया, 'यह सिर्फ हमारी प्रजाति के बारे में नहीं है। कई विशाल उल्कापिंड, महाज्वालामुखी, महाद्वीप अपनी जगह से हटे हैं, धरती कभी बर्फ की गेंद जैसी थी और कभी बेहद गर्म। धरती का भूगर्भिक इतिहास बहुत लंबा और जटिल है और कई बार जीवन को विलुप्त करने वाली घटनाएं हुई हैं, कम नहीं।'
मस्क आगे बताते हैं कि परमिन -टेरासिस की घटना में 90 प्रतिशत प्रजातियां खत्म हो गईं। बचने वाली ज्यादातर प्रजातियां फंगस और स्पज थे। इंसान उस स्थिति में नहीं बच सकते थे। धरती को ऐस्टरॉइड की टक्कर जैसी घटनाओं के खतरे को देखते हुए मस्क इंसानों को रोशनी से कम गति पर भी एक सौर मंडल से दूसरे तक पहुंचाना चाहते हैं। 'तबाही का देवता' कहा जाने वाला ऐस्टरॉइड अपोफिस अगले महीने धरती के करीब से गुजरने जा रहा है। यह महाविनाशक ऐस्टरॉइड सोलर सिस्टम में मौजूद सबसे खतरनाक चट्टानों में से एक माना जाता है।
स्पेसएक्स स्टारशिप के एसएन10 प्रोटोटाइप को लॉन्च करने की तैयारी में है जो स्पेस ट्रैवलिंग के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह बार-बार इस्तेमाल के लायक सिस्टम होगा जिसका मुख्य उद्देश्य 100 लोगों को मंगल पर ले जाना है, या उसके भी आगे। पिछले साल जब स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट एसएन8 क्रैश हो गया था, तो समझा जाने लगा कि मस्क को कितना बड़ा झटका लगा होगा। हालांकि, कंपनी की एसएन सीरीज के अगले रॉकेट न सिर्फ तैयार हैं बल्कि जल्द ही उनका लॉन्च भी किया जा सकता है। इसमें सबसे आगे है स्टारशिप एसएन9 और फिर एसएन10 और एसएन11 मिड बे में तैयार खड़े हैं जबकि एसएन16 तक प्रोडक्शन साइट पर पहुंच चुके हैं। अपोफिस करीब 370 मीटर चौड़ा है। यह ऐस्टरॉइड कितना शक्तिशाली है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह अगर पृथ्वी से टकराता है तो 88 करोड़ टन टीएनटी के विस्फोट के बराबर असर होगा। हवाई विश्वविद्यालय के खगोलविदों ने कहा है कि यह ऐस्टरॉइड तेजी से गति पकड़ रहा है और अगले 48 सालों में यह पृथ्वी से टकरा सकता है। हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है, फिर से भी नासा के वैज्ञानिक इसके हर कदम पर नजर रख रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि अभी यह पृथ्वी से टकराएगा या नहीं इसका ठीक-ठीक पता वर्ष 2029 में चल सकेगा।