नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज अरुण लाल ने कहा है कि 80 के दशक में इमरान खान और अन्य तेज गेंदबाजों का सामना करना कठिन हो जाता था। विशेषकर गेंद से छेड़छाड़ के बाद तो उन्हें खेलना असंभव सा हो जाता। 80 के दशक को गेंदबाजी का युग कहा जाता था। उस समय पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज हावी रहते थे। अरुण लाल ने 1982 से 1989 के बीच खेला था। अरुण लाल का कहना है कि 70-80 के दशक में सभी टीमों के पास शानदार गेंदबाज थे। अरुण लाल से जब पूछा गया कि किन गेंदबाजों का सामना करना उनके लिए कठिन था तो उनका जवाब था इमरान क्योंकि वह रिवर्स स्विंग का भरपूर इस्तेमाल करते थे। उस समय गेंद से छेड़छाड़ करने की अनुमति थी। रिवर्स स्विंग की शुरुआत के बाद मेरे लिए इमरान को खेलना असंभव था।''
इमरान पहले गेंदबाज थे जिन्होंने रिवर्स स्विंग का इस्तेमाल किया। बाद में गेंद से छेड़छाड़ को गैर कानूनी घोषित कर दिया गया। अरुण लाल ने कहा, ''हालांकि कपिल देव जैसे स्विंग गेंदबाज भारतीय टीम में थे, पर इमरान गेंद को 6-8 इंच तक स्विंग कराते थे और बल्लेबाज भयग्रस्त हो उठता था।'' अरुण लाल ने इमरान की प्रशंसा करते हुए कहा, ''उन्हें कप्तान के रूप में देखना शानदार था। वह पूरी तरह फिट थे। 1982 के आसपास इमरान की पर्सनेलिटी और उनकी मौजूदगी अद्भुत थी। वह टीम की बहुत बढ़िया कप्तानी कर रहे थे।''
रिवर्स स्विंग के शुरुआती दिनों में पाकिस्तानी गेंदबाज गेंद से बहुत छेड़छाड़ करते थे, गेंद रिवर्स स्विंग के लायक बना देते थे। पूर्व पाकिस्तानी गेंदबाज सरफराज नवाज को रिवर्स स्विंग की शुरुआत करने वाला माना जाता था हालांकि उन्होंने कभी इस बात को नहीं स्वीकारा कि वे रिवर्स स्विंग के लिए गेंद से छेड़छाड़ करते थे। अरुण लाल ने 16 टेस्ट मैचों में 729 रन बनाए हैं। वहीं 13 एकदिवसीय मैचों में 122 रन बनाए।