यरुशलम । वैश्विक महामारी कोविड-19 के के प्रकोप से अपने लोगों को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण में आगे बढ़ने के बाद इजरायल ने दवा निर्माता कंपनी फाइजर से करार किया है जिसके तहत वह मुश्किल से मिल रहे टीके की खुराक की आपूर्ति जारी रखने के बदले चिकित्सा संबंधी आंकड़ों को साझा करेगा। समझौते के समर्थकों का कहना है कि इससे इजरायल अपनी अधिकतर आबादी का टीकाकरण करने वाला पहला देश बन सकता है जबकि बहुमूल्य अनुंसधान के आंकड़ों को मुहैया कराने से शेष दुनिया को भी मदद मिलेगी। वहीं, आलोचकों का मानना है कि करार से प्रमुख नैतिक चिंताएं उभर आईं हैं जिनमें निजता का हनन और गरीब-अमीर देशों के बीच अंतर बढ़ने का खतरा शामिल है। उनका मानना है कि करार से जहां एक ओर अमीर देशों के पास टीके का भंडार होगा जबकि दूसरी ओर इजरायल के कब्जे वाले पश्चिमी तट और गाजा में रहने वाले फलीस्तीनियों सहित गरीब आबादी को टीके के लिए लंबा इंतजार करना होगा।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस महीने के शुरू में बताया कि वह इजरायल में टीकाकरण को गति देने के लिए फाइजर के साथ समझौते तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘इजरायल दुनिया का आदर्श राष्ट्र होगा। इजरायल फाइजर और पूरी दुनिया के साथ सांख्यिकी आंकड़ों को साझा करेगा जिससे कोरोना वायरस को हराने की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।’ इजरायल के स्वास्थ्य मंत्री यूली एडेल्स्टीन ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि सरकार आंकड़ों विश्लेषण यह देखने के लिए करेगी कि इजरायल में बीमारी के स्तर पर इसका प्रभाव क्या रहा है, साथ ही अर्थव्यवस्था को खोलने, सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं और यह देखने के लिए करेगी कि टीकाकरण का कोई असर रहा या नहीं।’ उल्लेखनीय है कि फाइजर टीके को जर्मन सहयोगी बायोएनटेक के साथ मिलकर विकसित किया गया है और अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन और यूरोपीय संघ ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि फाइजर का टीका 95 प्रतिशत तक प्रभावी है।