तेहरान । ईरान के नातांज परमाणु संवद्र्धन केंद्र पर रविवार को संदिग्ध हमले के बाद ब्लैकआउट का मामला अन्तर्राष्ट्रीय तनाव का केंद्र बनता जा रहा है। ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि हम इस हमले का बदला लेंगे। यह हमला वियना में परमाणु समझौते को बचाने के लिए चल रही बातचीत को संकट में डालेगा। जरीफ के इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच चल रहे छद्मयुद्ध के और तेज होने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि इजरायल ने आधिकारिक रूप से इस हमले में किसी तरह की भूमिका से इनकार किया है। लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स को कुछ शीर्ष अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों ने बताया है कि इस हमले के पीछे इजरायल ही है। विभिन्न इजरायली मीडिया संस्थानों ने भी सूत्रों के हवाले इस हमले के पीछे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को ही जिम्मेदार बताया है। दो ईरानी अधिकारियों ने बताया कि परमाणु संवद्र्धन केंद्र को पावर सप्लाई करने वाले अंडरग्राउंड सेंट्रीफ्यूज को निशाना बनाकर धमाका किया गया। इस कारण बिजली चली गई और बड़े स्तर का ब्लैकआउट हुआ। अमेरिका रक्षा मंत्री इस हमले को लेकर इजरायल से बात करने वाले हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल ने हमले की सूचना अमेरिका को दी थी या नहीं।
अमेरिकी प्रयासों को भी झटका
विशेषज्ञों का मानना है कि रविवार के हमले के बाद बाइडेन प्रशासन के लिए भी मुश्किलें खड़ी होंगी। ईरान को 2015 के परमामु समझौते पर वापस लाने के लिए अमेरिकी प्रयासों को इससे झटका लगेगा। अमेरिका चाहता है कि ईरान समझौते में वापस आए और अपने परमाणु संवद्र्धन कार्यक्रम को रोक दे। अगर यह मामला उलझता है तो एक नए युद्ध की पृष्ठभूमि भी तैयार होगी।