तेहरान । अमेरिका के एक आतंकी ग्रुप के मुखिया को ईरान ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक आतंकी पर 2008 के बम विस्फोटों के पीछे और अन्य हमलों की साजिश रचने का आरोप है। खुफिया मंत्रालय के बयान में यह नहीं बताया गया है कि आतंकी को कब और कहां हिरासत में लिया गया। जमशिद शर्माहद आतंकवादी टोंडर (थंडर) समूह का मुखिया है जिसने अमेरिका से ईरान में सशस्त्र और आतंकवादी कार्य करने का निर्देश दिया था और जिसे बाद में जटिल ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। ईरानी मंत्रालय के बयान में बताया गया है कि शर्महाद ने 12 अप्रैल 2008 को दक्षिणी शहर शिराज के एक धार्मिक केंद्र में विस्फोट करवाया था जिसमें 14 लोग मारे गए और 215 घायल हो गए। ईरान ने 2009 में बम विस्फोट के दोषी तीन लोगों को फांसी पर लटका दिया था।
टोंडर ने स्वयं कुछ अन्य हमलों की जिम्मेदारी ली है। उसने अपनी वेबसाइट पर कहा कि यह जून 2019 में शिराज में एक मदरसे पर बमबारी और 2016 में एक रिफाइनरी में विस्फोट के पीछे उसका हाथ था। समूह की वेबसाइट के अनुसार जमशिद एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर है जिसका जन्म 1955 में हुआ था। वेबसाइट ने कहा कि वह ईरानी-जर्मन है और 2003 में लॉस एंजिल्स जाने से पहले जर्मनी में रहता था। जमशिद को हिरासत में लेने की खबरों पर ब्रिटेन में ईरान के राजदूत हामिद बेईदीनजाद ने ट्विटर पर कहा कि शरमहद ईरान में हिरासत में है। हालांकि जमशिद के आतंकी समूह टोंडर ने उसे पकड़े जाने और हिरासत में लेने की खबरों की पुष्टि नहीं की। टोंडर की वेबसाइट पर यह कहा गया कि समूह जमशीद के संबंध में विभिन्न नेटवर्क द्वारा बताई जा रही कहानियों की पुष्टि नहीं करता। हालांकि इस आतंकवादी समूह ने सोशल मीडिया पर पहले की गई पोस्टिंग में कहा था कि टोंडर... कमांडर की अनुपस्थिति में भी लड़ता रहेगा।
यह समूह राजशाही को स्थापित करने की इच्छा रखता है। इन्होंने ईरान की विधानसभा जिसे ये लोग टोंडर कहते हैं, लॉस एंजिल्स में बना रखी है। इस समूह का मानना है कि यह 1979 की इस्लामी क्रांति से उखाड़ फेंकी गई ईरानी राजशाही को पुनः बहाल करना चाहता है। यह विदेशों में ईरानी सरकार के विरोध में रेडियो और टेलीविजन स्टेशन चलाता है। संगठन शिराज में एक बांध को उड़ाने, तेहरान पुस्तक मेले में साइनाइड बम का इस्तेमाल करने और इस्लामिक गणतंत्र के संस्थापक अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी के मकबरे को विस्फोटक से उड़ाने की योजना बनाई थी जिन्हें ईरानी ख़ुफ़िया विभाग ने निरस्त कर दिया था। एक बयान में कहा गया है कि उन्हें अमेरिका के एक सीआईए एजेंट से ईरान के एक बड़े अफसर की हत्या का आदेश मिला था। उनकी पहचान 21 साल के मोहसिन असलमियन, 20 साल के अली असगर पश्तार और 32 साल के रूजबेह याहजादेह के रूप में हुई है। ईरान ने 2010 में दो अन्य दोषियों को फांसी दे दी। उन्होंने अधिकारियों की हत्या करने की योजना की बात कबूल की थी।