वॉशिंगटन। अमेरिकी स्पेश एजेंसी नासा के रोवर पर्सवेरेंस के अंदर मौजूद हेलिकॉप्टर इंगेन्यूटी ने अपनी पहली उड़ान के लिए तैयारी शुरू कर दी है। यह हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर एलियन जीवन की तलाश करने निकला है। नासा के हेलिकॉप्टर ने अपने सभी चारों पैरों को नीचे कर लिया है और नासा ने इसकी तस्वीर जारी की है। यह हेलिकॉप्टर अब इस स्थिति में आ गया है कि लाल ग्रह की सतह को कभी भी छू सकता है। नासा ने कहा कि इस हेलिकॉप्टर के 11 अप्रैल के आसपास उड़ान भरने की उम्मीद है। नासा अगर अपने मिशन में सफल हो जाता है तो धरती के बाहर दूसरे ग्रह पर किसी हेलिकॉप्टर की यह पहली उड़ान होगी। नासा ने ट्वीट करके बताया कि जब हेलिकॉप्टर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तो धीरे-धीरे इसे मंगल ग्रह की सतह पर उतारा जाएगा। एजेंसी ने कहा कि इस हेलिकॉप्टर के 11 अप्रैल से पहले उड़ान भरने की संभावना नहीं है। इस उड़ान का डेटा 12 अप्रैल को आ जाएगा। इंगेन्यूटी नाम का यह हेलिकॉप्टर यह टेस्ट करने के लिए गया है कि लाल ग्रह की सतह और वायुमंडल में रोटरक्राफ्ट टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं। सिग्नल के मुताबिक हेलिकॉप्टर और रोवर में लगा उसका बेस स्टेशन उम्मीद के मुताबिक ऑपरेट कर रहे हैं। हेलिकॉप्टर रोवर के साथ 30-60 दिन तक अटैच रहेगा। रोवर में ही एक इलेक्ट्रिकल बॉक्स है जो हेलिकॉप्टर और धरती के बीच होने वाले संचार को स्टोर करेगा और रूट करेगा। इसे ही बेस स्टेशन नाम दिया गया है। इससे पहले रोवर की सफल लैंडिंग के बाद उसमें लगे इस हेलिकॉप्टर ने अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट भी भेज दी थी। कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी के मिशन कंट्रोल में मंगल के जेझेरो क्रेटर से भेजा गया सिग्नल रिसीव किया गया था। इसे मंगल का चक्कर काट रहे मार्स रेकोनैसेंस आर्बीटर के जरिए भेजा गया था। अगर उड़ान में सफल रहा तो इंगेन्यूटी धरती के अलावा कहीं और ऐसा करने वाला पहला रोटरक्राफ्ट होगा।