लंदन। कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म नहीं हुआ था कि नए वैरिएंट्स का खतरा मंडराने लगा था। ब्रिटेन में मिले वायरस के नए रूप ने दुनियाभर के कई देशों को प्रभावित किया था। अब एक नई स्टडी में दावा किया जा रहा है कि ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का स्वरूप पहले के वायरस की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और इसके कारण फिर से कोविड-19 के तेजी से फैलने की आशंका है। शोध पत्रिका ‘साइंस’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने जैसे सख्त कदमों और टीकाकरण को बढ़ावा दिए बिना 2021 में इंग्लैंड में कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों की संख्या 2020 की तुलना में ज्यादा रहेगी। अध्ययन दल में लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रोपिकल मेडिसीन के विशेषज्ञ भी थे। अध्ययन में कहा गया कि नया स्वरूप इंग्लैंड में मौजूद सार्स कोव2 के स्वरूप की तुलना में 43-90 गुणा तेजी से फैलता है।
इसका मतलब है कि किसी एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर और कितने लोगों के इसकी चपेट में आने की आशंका है। पिछले साल नवंबर में नए स्वरूप का मामला सामने आने के बाद दिसंबर में साक्ष्य मिलना शुरू हो गया कि ‘वीओसी 2020 12/01’ मौजूदा स्वरूप की तुलना में तेजी से प्रसारित होता है। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि ब्रिटेन में 15 फरवरी को नए स्वरूप के 95 प्रतिशत मामले थे और अब भारत सहित कम से कम 82 देशों में इसके फैलने की पुष्टि हो चुकी है। ब्रिटेन में सार्स कोव2 के डेढ़ लाख नमूनों का अध्ययन करने के बाद पाया गया कि शुरुआती 31 दिनों में ‘वीओसी 2020 12/01’ के फैलने की दर ज्यादा थी। दुनियाभर में कोरोना वायरस के अब तक 11 करोड़ 62 लाख 16 हजार 580 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 25 लाख 81 हजार 649 मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अच्छी खबर है कि इस दौरान 9 करोड़ 18 लाख 84 हजार 249 लोग स्वस्थ होकर लौट चुके हैं।