दुबई में बुधवार को अफगान तालिबान और भारतीय अधिकारियों के बीच एक हाई लेवल मीटिंग हुई। इस मीटिंग में भारत की ओर से विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अफगानिस्तान की तरफ से तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान ने हिस्सा लिया।
इस बैठक का एजेंडा मानवीय और डेवलपमेंट सहायता, बिजनेस, ट्रेड, स्पोर्ट्स, कल्चरल रिलेशन, रीजनल सिक्योरिटी पर आधारित है। इस मीटिंग में ईरान के चाबहार बंदरगाह समेत अलग-अलग इलाकों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।
अफगान मंत्री ने संकट के समय मदद करने के लिए भारत का आभार जताया। वहीं भारत की तरफ से कहा गया कि नई दिल्ली आने वाले वक्त में भी अफगान लोगों की डेवलपमेंट जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है।
दोनों देशों में स्पोर्ट्स रिलेशन मजबूत करने पर भी जोर
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अफगानिस्तान के साथ अपने ऐतिहासिक और कल्चरल संबंधों को बहुत ज्यादा महत्व देता है। दोनों देशों ने अपने स्पोर्ट्स रिलेशन को भी मजबूत करने पर सहमति जताई। खासकर क्रिकेट, जिसे दोनों देशों में काफी ज्यादा पसंद किया जाता है।
भारत ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान एयरस्ट्राइक की आलोचना की
इस बैठक से दो दिन पहले ही भारत ने अफगानिस्तान में की गई पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक की निंदा की है। 24 दिसंबर को की गई इस एयरस्ट्राइक में अफगानिस्तान के कई महिलाओं और बच्चों समेत 46 लोग मारे गए थे।
भारत ने पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा कि अपनी घरेलू नाकामियों का दोष दूसरों पर मढ़ना इस्लामाबाद की पुरानी आदत है। हम निर्दोष नागरिकों पर किसी भी हमले की साफ तौर से निंदा करते हैं। अफगान सरकार ने इस हमले को लेकर पाकिस्तान को वार्निंग भी दी थी।
जबकि पाकिस्तान का कहना था कि उसने यह एयरस्ट्राइक सीमा पार चल रहे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर की है।