जेनेवा । भारत ने अक्टूबर में इराक में संसदीय चुनाव कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र से पर्यवेक्षण के अनुरोध का समर्थन करते हुए कहा कि वह खाड़ी देश की संप्रभुता का सम्मान करने वाली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने वाली किसी भी पहल का अनुमोदन करता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ‘इराक के हालात’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि अक्टूबर 2021 में इराक में संसदीय चुनाव देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने का मौका होगा।
उन्होंने कहा कि हिंसामुक्त माहौल में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं की भागीदारी के साथ पारदर्शी, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव से नई सरकार को सुधार लागू करने, जवाबदेही बढ़ाने, इराक के लोगों की वास्तविक आकांक्षा को पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे समावेशी और सुलह-सफाई प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलेगा। तिरुमूर्ति ने कहा कि इराक के निर्वाचन आयोग और चुनाव प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षण को अंतरराष्ट्रीय मदद से इन चुनावों की विश्वसनीयता कायम होगी और इराक के लोगों के बीच नतीजों को लेकर विश्वास बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत, इराक में आगामी चुनाव के लिए संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षण के आग्रह का समर्थन करता है। हम इराक की संप्रभुता, लोकतांत्रिक कवायद को मजबूत करते हुए लोगों के लिए स्वीकार्य विश्वसनीय नतीजों वाली किसी भी प्रकिया का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कवायद लोकतांत्रिक परंपरा को मजबूत करने की तर्ज पर है और भारत ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर तथा चुनावी प्रेक्षक भेजकर इराक में लोकतांत्रिक और चुनावी प्रक्रिया में अपना योगदान दिया है।
इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि और इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की प्रमुख जियनीन हेनिस प्लासखात ने परिषद को बताया कि इराक में विश्वसनीय चुनाव के लिए जरूरी है कि सभी दल और उम्मीदवारों को मुक्त और सुरक्षित माहौल मिले। उन्होंने उल्लेख किया कि चुनावी पर्यवेक्षण के लिए इराक की सरकार से मिला अनुरोध अभी सुरक्षा परिषद में विचाराधीन है।