पेशावर । लाहौर के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल में एक सिक्योरिटी गार्ड ने एक महिला की सर्जरी कर दी, जिसके कुछ ही घंटे बाद महिला ने दम तोड़ दिया। हैरानी की बात यह भी है कि अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि इतना बड़ा हॉस्पिटल है, यहां किस-किस पर नजर रखी जा सकती है। मौत का शिकार होने वाली महिला शमीमा बेगम की उम्र 80 साल बताई जाती है।
इस महिला को पीठ में दर्द की वजह से लाहौर के मेयो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इसी दौरान हॉस्पिटल के एक गार्ड ने इस बुजुर्ग महिला की पीठ की सर्जरी कर ली। आरोपी का नाम मोहम्मद वहीद बट है। उसने महिला के सामने खुद को डॉक्टर बताया था। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान वहीद ने ऑपरेशन थिएटर और वहां के मेडिकल इक्युपमेंट्स का भी इस्तेमाल किया।
नियम के मुताबिक शमीमा के परिवार ने हॉस्पिटल को सर्जरी का बिल भी चुकाया। इतना ही नहीं बाद में वहीद महिला के घर गया और उसकी ड्रेसिंग भी की, लेकिन जब ब्लीडिंग और दर्द असहनीय हो गया तो परिवार उन्हें फिर हॉस्पिटल लेकर आया। यहां आने के बाद उन्हें सच्चाई का पता चला। बाद में रविवार को महिला की मौत हो गई। अब ऑटोप्सी के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि मौत की असली वजह क्या थी।
लाहौर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन हॉस्पिटल मैनेजमेंट से कई सवाल किए जाने बाकी हैं कि सिक्योरिटी गार्ड डॉक्टर बनकर घूमता रहा तो किसी ने एक्शन क्यों नहीं लिया और वह ऑपरेशन थिएटर में कैसे चला गया। दूसरी तरफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने कहा ये बहुत बड़ा हॉस्पिटल है। हजारों मरीजों का इलाज होता है। स्टाफ भी बहुत ज्यादा है। ऐसे में यह पता लगाना बहुत मुश्किल है कि कौन गार्ड है और कौन डॉक्टर। आरोपी गार्ड को दो साल पहले ही यहां से निकाला जा चुका था। उस पर मरीजों से पैसे उगाही का आरोप था।