सुवा । फिजी में कोरोना के बढ़ते मामलों ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरा दबाव डालकर अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। सरकार बेरोजगार लोगों को खेती करने के लिए औजार और नकद की पेशकश कर रही है। फिली में महामारी के पहले साल में कोई खास असर नहीं पड़ा था और सिर्फ दो मौतें हुई थीं। मगर दो महीने पहले वायरस के डेल्टा स्वरूप ने कहर ढ़हा दिया हैं, फिजी में करीब 250 मामले रोज आ रहे हैं। सरकार अर्थव्यवस्था को बचाने की कोशिश में अब तक लॉकडाउन का ऐलान करने से बच रही है।
हालांकि देश की अर्थव्यवस्था पिछले साल ही 19 प्रतिशत तक सिकुड़ चुकी है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सैलानियों ने आना बंद हो चुका था।देश में करीब आधी नौकरियां पर्यटन क्षेत्र से संबंधित हैं और फिजी अपने सफेद बालू के समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। इस बीच टीकाकरण अभियान पूरे जोर शोर से चल रहा है लेकिन टीके के सुरक्षित नहीं होने की अफवाहों के कारण इसमें अड़चनें आ रही हैं। अब तक करीब 29 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक और सिर्फ दो फीसदी लोगों को टीके की दोनों खुराकें लगी हैं। वहीं अगले महीने से सरकार एक नया कार्यक्रम शुरू करने जा रही है जिसके तहत जिन लोगों की नौकरी चली गई है और ग्रामीण भूमि तक उनकी पहुंच हैं, उन्हें करीब 200 डॉलर कीमत के औजार, रोपण सामग्री और नकद राशि दी जाएगी।
कार्यक्रम के मुताबिक, आवेदक किसान बनने का इच्छुक होना चाहिए और उसकी मंशा खेती को पूर्णकालिक मूल गतिविधि के तौर पर अपनाने की होनी चाहिए। कोविड-19 के मौजूदा प्रकोप के दौरान 15 लोगों की मौत हो गई है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने फिजी की मदद के लिए टीका, धन और मेडिकल दल भेजा हैं। फिर भी देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर अधिक दबाव है।