वाशिंगटन । पिछले एक साल से कोरोना वायरस ने जिस तरह से दुनियाभर में खलबली मचाई है, वह वाकई चिंताजनक है। माइक्रोसॉफ्ट के सहसंस्थापक और समाजसेवी बिल गेट्स गेट्स ने साल 2015 में ही दुनिया को महामारी के प्रति चेताया था। उस समय का वह वीडियो एक बार फिर वायरल हो रहा है, जिसमें गेट्स ने कहा था कि अगला विश्वयुद्ध मिसाइल या परमाणु बम से नहीं, बल्कि जानलेवा वायरस से लड़ा जा सकता है।
कोविड-19 महामारी का पूर्वानुमान कोई भी नहीं लगा पाया था, लेकिन अब गेट्स का अनुमान कुछ मायनों में सही साबित हो रहा है। हाल में गेट्स ने डेरेक मुलर से वीडियो कॉल पर बातचीत के दौरान बताया कि वे अपनी भविष्यवाणी को लेकर अच्छा महसूस नहीं करते हैं। इस महामारी ने साबित कर दिया है कि एक वायरस ही पूरी दुनिया से मानव प्रजाति को खत्म करने के लिए काफी हो सकता है। सन 2015 में बिलगेट्स ने कोविड-19 जैसे ही सक्षम वायरस के फैलने के बारे में बात की थी और इस बात पर जोर दिया था कि दुनिया को इस तरह के हालात से निपटने के लिए अच्छे से तैयार होने की जरूरत है।
गेट्स ने कहा था कि यदि कोई चीज एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अगले कुछ दशकों में मार देगी तो वह युद्ध नहीं बल्कि एक बहुत ही संक्रामक वायरस होगा। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल्स नहीं बल्कि सूक्ष्मजीवी होंगे। इस वीडियो ने मार्च 2020 में लोगों का ध्यान खींचा था जब कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर को रोक कर रख दिया था। ऐसा नहीं है कि बिल 2015 में ही यह कह कर खामोश हो गए थे। वह इसके बाद भी दुनिया को वायरस के खतरे से आगाह करते रहे हैं।
साल 2017 में भी गेट्स ने रेडिट में फैंस के सवालों के जवाब देते हुए कहा था कि वे जैविक उपकरणों को लेकर चिंतित हैं, जिन्हें बायोटेरेरिस्ट उपयोग कर सकते हैं। संयोग की बात है कि गेट्स ने कोविड-19 जैसी बीमारी के खतरे की ही आशंका व्यक्त की थी। 2017 में ही गेट्स ने बताया था कि एक फ्लू का स्ट्रेन बनाना, न्यूक्लियर युद्ध के मुकाबले ज्यादा आसान है। एक बार बीमारी फैलने के बाद नहीं रुकेगी।
गेट्स ने कहा था कि जीवविज्ञान की तरक्की से आतंकवादियों के लिए स्मालपॉक्स यानि चेचक को फैलाना आसान हो गया है, जो एक बहुत ही मारक संक्रमण है खास तौर से उन इलाकों में जहां प्रतिरोधी क्षमता खत्म सी हो गई है। इसी लिए ज्यादा जोखिम प्राकृतिक महामारी या किसी जैवआंतकी घटना से फैले संक्रमण से है। बिल की आशंका कोविड-19 महामारी ने सही साबित की है। इस अभी तक 23 लाख लोग इससे मर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि हवा में तेजी से फैलने वाली बीमारी 3 करोड़ लोगों को एक साल में ही मार सकती है।