कार्बिस बे । कार्बिस में दुनिया के सात अमीर देशों के समूह जी-7 का शिखर सम्मेलन रविवार को समाप्त हो गया। शिखर सम्मेलन में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि समूह दुनिया के गरीब देशों को एक अरब कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराएगा। शिखर बैठक में इसके अलावा पर्यावरण और वैश्विक मुद्दों पर चीन की लगातार बढ़ती दखलंदाजी पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि सात अमीर देशों के समूह जी-7 ने दुनिया के गरीब देशों को कोविड-19 रोधी टीके की एक अरब खुराकें मुहैया कराने का संकल्प लिया है। दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में रविवार को जी-7 के नेताओं के शिखर सम्मेलन के समापन पर जॉनसन ने कहा कि सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय ‘कोवैक्स’ पहल के जरिए टीकों की आपूर्ति की जाएगी।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दुनिया की कम से कम 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लिए 11 अरब खुराकों की जरूरत है। जॉनसन ने कहा है कि जी7 समूह के नेताओं के बीच जलवायु परिवर्तन, लोकतांत्रिक मूल्यों और कोरोना वायरस महामारी से लड़ने को लेकर उनके शिखर सम्मेलन में एक शानदार सामंजस्य देखने में आय़ा है। जॉनसन ने कहा धनी देशों का समूह बाकी दुनिया के लिए लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मूल्य का प्रदर्शन करेगा और 'दुनिया के सबसे गरीब देशों को खुद को इस तरह से विकसित करने में मदद करेगा जो स्वच्छ, हरित और टिकाऊ हो।
इसके अलावा ब्रिटेन एक नया पशु टीका विकास केंद्र स्थापित करेगा जिसका उद्देश्य मानव आबादी में वायरस के प्रवेश को रोकना होगा।