ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन का मौका। सहज से लगते माहौल में अरसे बाद दो दिग्गज एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों की यूं मौजूदगी। एक वक्त, एक मंच पर। इसीलिए उम्मीदें भी कि दोनों एक-दूसरे को दिलों में कुछ गुंजाइश देंगे। गर्मजोशी दिखाएंगे। पर आरजू पूरी नहीं हुई।
भारत-पाक के विदेश मंत्री एस जयशंकर और शाह महमूद कुरैशी सम्मेलन के दौरान एक-दूसरे से नजरें बचाते दिखे। एक मौका ऐसा भी आया, जब दोनों अगल-बगल से हाल में खड़े हुए। उनके बीच बस ‘एक नेता की दूरी’ थी। पर यहां भी दोनों ने एक-दूसरे की तरफ नजर भर देखना तक गवारा नहीं किया। जाने-माने अखबार ‘द इंडिपेंडेंट’ के उर्दू संस्करण ने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो साझा किया है।
इसमें दिलचस्प हाल में नजर आता है कि जब जयशंकर की निगाहें कुरैशी की ओर जाती हैं, तो वे नजरें घुमाकर दाईं तरफ खड़े नेताओं से बतियाने लगते हैँ। जब कुरैशी की नजरें जयशंकर की तरफ होती है तो वे कोट की जेबों में हाथ डालकर कभी यूं ही जमीन की तरफ देखने लगते हैं। फिर बाईं ओर खड़े नेता से हाल-चाल जानने लगते हैं।
यहां गौर करने लायक है कि इस ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में दुनिया के 30 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। लगभग दर्जनभर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी हैं। मार्च की 29-30 तारीखों के बीच हुए इस सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने दुनियाभर के तमाम अहम मसलों पर बातचीत की है।
हालांकि इन मसलों में सबसे अहम था, ‘अफगानिस्तान में शांति स्थापना’ का। भारत-पाक के विदेश मंत्री अपने अफसरों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत के दौरान भी साथ थे। हालांकि यह उनका यह ‘साथ’ भी वैसा ही था कि जैसा कि औपचारिक तस्वीरें खिंचवाने के दौरान नजर आया था।