वाशिंगटन । अधिकार समूह ग्लोबल विटनेस की नई रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक सैन्य दुष्प्रचार और अन्य सामग्री को बढ़ावा देता है, जो म्यांमार में फरवरी में सेना द्वारा तख्तापलट करने के बाद कंपनी की खुद की नीतियों का उल्लंघन है। रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में सेना के सत्ता पर कब्जा जमाने और निर्वाचित नेताओं को कैद करने के एक महीने बाद भी फेसबुक एल्गोरिदम उपयोगकर्ताओं को सैन्य समर्थक पेजों के साथ ही उन पोस्ट्स को देखने और लाइक करने के लिए बढ़ावा दे रहा था, जो हिंसा भड़काते हैं और सेना के अत्याचारों का महिमामंडन करते हैं।
फेसबुक एल्गोरिदम पोस्ट के क्रम और प्रस्तुति को नियंत्रित करता है, ताकि उपयोगकर्ता यह देख सकें कि उनके लिए सबसे ज्यादा प्रासंगिक क्या है। फेसबुक ने तख्तापलट के बाद यह घोषणा की थी कि वह अपनी साइट और अपने मालिकाना हक वाले इंस्टाग्राम से म्यांमार सेना द्वारा नियंत्रित पेजों को हटाएगी। इसके बावजूद उसने ऐसा नहीं किया।
उसने मंगलवार को कहा कि उनकी टीम म्यांमार में स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और हमारे नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी पोस्ट, पेज या समूह पर कार्रवाई करती है। पूर्व फेसबुक डेटा वैज्ञानिक सोफी झांग ने कहा कि एक बार फिर फेसबुक ने दिखाया कि वह भारी भरकम घोषणाएं करने में अच्छा और उन्हें असल में लागू करने के मामले में खराब है। उनके पास म्यांमार में अपने काम में सुधार लाने के लिए कई साल थे, लेकिन एक बार फिर वे नाकाम हो रहे हैं। म्यांमार में जनवरी 2020 में 2।23 करोड़ से अधिक फेसबुक उपयोगकर्ता थे, जो उसकी आबादी के 40 प्रतिशत से अधिक संख्या है।