यह उन संभावित परियोजनाओं को विकसित करने के अवसरों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनका लाभ कार्बन वित्त अर्जित करने और मध्य प्रदेश में मजबूत जलवायु रणनीतियों को लागू करने के लिए उठाया जा सकता है।
कार्यशाला में ‘कार्बन बाजारों की नई संरचना की वैश्विक स्थिति’, 'भारत में घरेलू कार्बन बाजार का परिदृश्य’, 'मध्य प्रदेश की जलवायु और विकास संबंधी प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए कार्बन बाजारों के माध्यम से कार्बन वित्त को एकीकृत करने की रणनीतियां' विषय पर चर्चा की जाएगी।
मध्य प्रदेश आर्थिक विकास को गति देते हुए जलवायु से जुड़े कदम उठाने वाला अग्रणी राज्य रहा है। हालांकि, मजबूत जलवायु से जुडी ठोस कार्रवाई के लिए निवेश के कई स्रोतों की जरूरत होगी। कार्बन बाजार तंत्र को अपनी विकास रणनीतियों में एकीकृत करके राज्य सतत आर्थिक विकास और राष्ट्रीय और वैश्विक जलवायु कार्रवाई में योगदान देने का दोहरा लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।
कार्यक्रम में यह होंगे मुख्य वक्ता
कार्यशाला में मप्र नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक एप्को नवनीत मोहन कोठारी, एप्को की कार्यकारी निदेशक उमा माहेश्वरी, एसकेएमसीसीसी एप्को कोआर्डिनेटर लोकेंद्र ठक्कर, डब्ल्यूआरआई इंडिया के एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम डायरेक्टर उल्का केलकर, सीईएफ, डब्ल्यूआरआई इंडिया के एसोसिएट प्रोग्राम डायरेक्टर सुब्रत चक्रवर्ती सहित अन्य विषय विशेषज्ञ मुख्य वक्ता होंगे।