जोहानिसबर्ग । दक्षिण सूडान का एक प्रतिष्ठित कार्यकर्ता अमेरिकी सरकार की मदद से वाशिंगटन पहुंच गया है। कार्यकर्ता ने कहा दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति ने उस अगवा करने या उसकी हत्या करने का आदेश दिया है, जिसके बाद अमेरिकी सरकार ने उस और उसके परिवार को आपात वीजा जारी किया था। हफ्तों तक केन्या में छिपने और कोरोना पाबंदियों के कारण मुश्किलों के बाद पीटर बियार अजक (36) देर रात वाशिंगटन पहुंचे। कार्यकर्ता ने कहा, पिछले कुछ हफ्ते डरावने रहे। बहुत ज्यादा डरावने। उनके वकील जारेड गेंसर ने बताया कि हार्वर्ड से स्नातक करने वाले और अर्थशास्त्री अजक को दक्षिण सूडान में ‘‘बहुत वरिष्ठ अधिकारियों ने खुफिया जानकारी दी थी। उन्होंने अपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को आकार देने में मदद की थी। गेंसर ने बताया कि आपात वीजा बहुत असामान्य स्थिति में जारी किए गए , इसके लिए विदेश विभाग से बातचीत हुई और फैसला लिया कि उन्हें सही में खतरा है।विदेश विभाग के प्रवक्ता ने अजक के आगमन की घोषणा की।अजक ने एक लेख में कहा, मैं जानता था कि यह कोई बेकार का खतरा नहीं था। जनवरी 2017 में नैरोबी से दो अन्य असंतुष्ट लोगों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई,इसकारण अमेरिका को दक्षिण सूडान के पांच अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने पड़े। उन्होंने दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सल्वा कीर पर उनकी क्रूरता के लिए प्रतिबंध लगाने का अमेरिका से अनुरोध किया। कीर के प्रेस सचिव एटेनी वेक एटेनी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।अजक की अब अपना काम शुरू करने और अगर मौका मिला तब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने की योजना है ताकि वह अमेरिकी सरकार के अधिकारियों द्वारा बनाए दबाव के लिए उनका आभार जता सकें।यह पूरा घटनाक्रम दक्षिण सूडान पर अमेरिका के घटते भरोसे को दिखाता है। दुनिया के सबसे युवा देश को सूडान से 2011 में आजादी मिली थी और वाशिंगटन से अरबों डॉलर की मदद समेत व्यापक समर्थन मिला था। हालांकि अब कई वर्षों के गृह युद्ध और उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण अमेरिका अपना धैर्य खो रहा है।