नई दिल्ली । उद्योग संगठन का कहना है कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात मौजूदा 11 अरब डॉलर से 16 गुना से अधिक बढ़कर 2025 तक 180 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईएससी) ने कहा कि यदि सरकार उद्योग जगत के सुझावों पर अमल करती है, तब यह हासिल कर पाना संभव है। संगठन ने सरकार को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक खाका पेश किया है, जिसमें उसने कुछ नीतिगत हस्तक्षेप के साथ-साथ मोबाइल उत्पादन से परे मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण योजनाओं व प्रोत्साहनों पर ध्यान केंद्रित करने की सिफारिश की है। संगठन के चेयरमैन संदीप नरुला ने कहा कि हमने ईएससी में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को आगे बढ़ाकर 2025 तक 180 अरब डॉलर पर पहुंचाने का एक खाका तैयार किया है। इसमें मोबाइल और एसेसरीज, कल पुर्जे तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर सामग्रियां शामिल हैं। यह स्तर सॉफ्टवेयर निर्यात के आसपास होगा। संगठन ने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन की मौजूदा योजनाएं सिर्फ मोबाइल फोन व कुछ संबद्ध विशिष्ट कल पुर्जों तक सीमित है। इसे पूरे इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र के लिये विस्तृत किया जाना चाहिए। संगठन ने कहा कि क्षेत्र कर की उच्च दरों, बिजली की अधिक लागत, अधिक ब्याज दर समेत कई दिक्कतों से जूझ रहा है। इससे प्रतिस्पर्धिता प्रभावित हो रही है।