वाशिंगटन। इन दिनों क्रिप्टारेकरेंसी बिटकॉइन को लेकर दुनियाभर में चर्चा रहती है। बिटकॉइन दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे चर्चित क्रिप्टारेकरेंसी है। सेंट्रल अमेरिकी देश अल साल्वाडोर ने बिटकाइन को वैध मुद्रा घोषित कर दिया है। यह सेंट्रल अमेरिकन कंट्री बिटकॉइन को वैध करेंसी घोषित करने वाली दुनिया की पहली कंट्री बन गई है। साल्वाडोर सरकार ने 9 जून को बिटकॉइन को देश की वैध मुद्रा बनाने के बिल को मंजूरी दे दी है। बता दें कि अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नाइब बुकेले ने 5 जून को कहा था कि वह बिटकॉइन को देश की वैध मुद्रा बनाने के लिए जल्द ही एक बिल पेश करने वाले है। उन्होंने मीयामी में हुई 2021 बिटकॉइन क्रॉन्फ्रेंस में कहा था कि सरकार के इस कदम से देश में रोजगार पैदा होगा और फॉर्मल इकोनॉमी के बाहर के बहुत सारे लोग इकोनॉमी की मुख्य धारा के साथ जुड़ने वाले है। अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका में अमेरिकी डॉलर भी पहले की तरह वैध मुद्रा बना रहेगा और बिटकॉइन का उपयोग वैकल्पि रहेगा।
अल साल्वाडोर मध्य अमेरिका में स्थित सबसे छोटा और सबसे सघन आबादी वाला देश है। ग्वाटेमाला और हॉण्डुरास के बीच इसकी सीमाएं प्रशांत महासागर से मिलती है। अल साल्वाडोर ने अपनी मुद्रा कोलोन को खत्म कर वर्ष 2001 में अमेरिकी डॉलर को अपना लिया है। देश की एक चौथाई आबादी 2 अमेरिकी डॉलर एक दिन से भी कम पर गुजर-बसर करती है। यहां के लोगों में डिजिटल पेमेंट का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। मार्च में लांच होने के बाद से ही स्ट्राइक एप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव रहता है। इसीलिए इस पर ज्यादा भरोसा करना ठीक नहीं है। ऐसे में कीमतों में बदलाव आम लोगों के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर डालेगा।