मनीला । फिलीपीन्स
के मनीला की झुग्गी बस्ती की गिनती दुनिया की बड़ी मलीन बस्तियों में की जाती है। यहां
छह लाख से अधिक लोग रहते हैं। मुंबई स्थित धारावी एशिया की सबसे बड़ी स्लम मानी जाती
है, जहां 10 लाख से ज़्यादा लोग सिर्फ ढाई वर्ग किलोमीटर के दायरे में रहते हैं।
धारावी पिछले कई दिनों से कोरोना के नए मामलों को सीमित करने के लिए चर्चा में है। धारावी मॉडल अब फिलीपीन्स में भी लागू किया जाएगा। हाल में, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने कहा कि फिलीपीन्स सरकार के साथ ऐसे कई डिटेल्स साझा किए गए हैं, जो धारावी में कोविड 19 को काबू करने के लिए अपनाए गए थे। फिलीपीन्स बीएमसी के उपायुक्त किरण दिघावकर के नेतृत्व में धारावी में चले कोरोना के खिलाफ अभियान के रास्ते पर चलेगा। अब ये बात भी दिलचस्पी पैदा करती है कि दोनों देशों के ताज़ा आंकड़े क्या कह रहे हैं। बुधवार को 13165 नए केस आने के बाद महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के कुल केसों की संख्या 6 लाख 28 हज़ार से ज़्यादा हो गई। अगस्त महीने के 19 दिनों में राज्य में 2 लाख नए केस जुड़े हैं, जिनमें से 19331 केस मुंबई में जुड़े। महाराष्ट्र में अब तक कोविड केसों में 20687 मौतें हो चुकी हैं। दूसरी तरफ, पूरे देश के आंकड़े देखें तो कुल केस करीब साढ़े 28 लाख हो गए हैं और मौतों की संख्या 54 हज़ार के करीब है।
मुंबई में, 1132 नए केस और 46 मौतों के बाद यहां कुल कोरोना केसों की संख्या 1,31,542 और मौतों की संख्या 7268 हो गई है। मुंबई में फिलहाल करीब 18 हज़ार एक्टिव केस हैं। वहीं, धारावी में पिछले पूरे हफ्ते में किसी भी दिन 9 से ज़्यादा नए केस नहीं मिले। जबकि मई के महीने में जब संक्रमण यहां पीक पर था, रोज़ाना दर्जनों नए केस सामने आ रहे थे। बीते 3 मई को एक दिन में सबसे ज़्यादा 94 नए केस सामने आए थे।
धारावी में कोविड 19 के कुल केस 2670 से ज़्यादा हो चुके हैं, हालांकि एक्टिव केस सिर्फ 80 के आसपास हैं। धारावी में केसों के दोगुने होने की गति 269 दिनों की हो गई है और ग्रोथ रेट 0.27%, जबकि पीक के समय यहां ग्रोथ रेट 4.8% तक थी। फिलीपीन्स 2.98 लाख वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला 10 करोड़ से कुछ ज़्यादा आबादी वाला देश है। इसका मतलब यह है कि 3.07 लाख वर्ग किमी में फैले 11.5 करोड़ की आबादी वाले महाराष्ट्र से कुछ छोटा है। कोरोना के मीटर के हिसाब से फिलीपीन्स दुनिया में 22वें नंबर पर है, जहां कुल केस 1 लाख 70 हज़ार के आसपास हैं और 2687 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। यहां की घनी बस्तियों में अब धारावी मॉडल अपनाया जाएगा।