यांगून । म्यांमार में प्रदर्शनकारियों के हड़ताल के आह्वान के खिलाफ जुंटा की कार्रवाई की धमकी के बावजूद हजारों लोग यांगून में अमेरिकी दूतावास के पास इकठटे हुए। वहीं देश के कई हिस्सों में बंद का असर दिखा। म्यांमार में सेना ने तख्तापलट करते हुए आंग सान सू ची सहित कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया था। तख्तापलट के खिलाफ कई शहरों में लोग विभिन्न प्रतिबंधों के बावजूद प्रदर्शन कर रहे हैं। कई सड़कों के बंद होने के बावजूद एक हजार से अधिक प्रदर्शनकारी यांगून में अमेरिकी दूतावास के पास एकत्रित हो गए, लेकिन सेना के 20 ट्रक और दंगा रोधी पुलिस के वहां नजदीक ही पहुंचने के बाद किसी भी तरह के टकराव से बचने के लिए वे वहां से चले गए। सुले पगोडा सहित शहर के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन जारी रहे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर सोमवार को देशभर में कारखानें, कार्यालय और दुकानें बंद रहीं। नेपीता में भी बंद का असर दिखा। इन प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले ‘सिविल डिसोबीडीअन्स मूवमेंट’ ने लोगों से सोमवार को हड़ताल करने का आह्वान किया था। पूर्व में प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए सेना ने प्रदर्शनकारियों में आपराधिक गिरोहों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस वजह से ही ‘‘सुरक्षा बलों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।’’ यांगून में रविवार रात सड़कों पर कई ट्रकों द्वारा भी ऐसी चेतावनी जारी की गई। देश में अभी तक हुए प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत हुई है।