लंदन । दुनियाभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसी बीच यूरोप के कोरोना की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 10 लाख के पार पहुंच गया। यूरोप के 52 देशों में अब तक 10 लाख 288 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने चेतावनी दी है कि हम इस वक्त महामारी के सबसे क्रिटिकल फेज से गुजर रहे हैं। टेक्निकल लीड मारिया वन कर्खोवे ने बताया कि महामारी का दायरा बढ़ते जा रहा है। अब यह पहलु की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है। हम नहीं चाहते थे कि 16 महीने बाद जब महामारी पर नियंत्रण में सफल होते दिख रहे थे, तब हम इस दौर पहुंचे। डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ग्रेब्रेयेसस ने बताया कि लगातार चौथे हफ्ते में मौतें भी बढ़ी हैं। जनवरी और फरवरी में लगातार 6 हफ्ते केस कम हुए थे। अब स्थितियां बिल्कुल बदल गई हैं। एशिया और मिडिल ईस्ट के कई देशों में हालात बिगड़ रहे हैं। वैक्सीनेशन ड्राइव के बावजूद नए केस बढ़ रहे हैं। इसे रोकने में वैक्सीन सबसे मजबूत हथियार है, लेकिन यह अकेला काफी नहीं है। मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंस, सफाई, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और आइसोलेशन न सिर्फ संक्रमण रोकते हैं, बल्कि जिंदगी भी बचाते हैं।
सिनोवैक की वैक्सीन ने 50 फीसदी असर दिखाया
चीन की निजी कंपनी सिनोवैक की डेवलप की गई कोरोनावैक वैक्सीन का ब्राजील में क्लीनिकल ट्रायल किया। इसने सिर्फ 50.4 फीसदी असर दिखाया। तुर्की में एक और ट्रायल से पता चला कि यह 83.5 फीसदी प्रभावी है। सरकारी कंपनी सिनोफार्म ने कहा कि उसकी दो वैक्सीन का एफिकेसी रेट 79.4 फीसदी और 72.5 फीसदी है। इसकी तुलना में फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन ने 97 फीसदी और 94 फीसदी असर दिखाया है।